बिना दवा सिरदर्द ऐसे होगा गायब
- पेन किलर का बेहतर और कारगर विकल्प है ऑक्सीजन थेरेपी
सिरदर्द बिना पेन किलर या खर्चीली चिकित्सा से खत्म करना आज भी एक बड़ी चुनौती है। चिकित्सा वैज्ञानिकों के एक वर्ग के अनुसार ऑक्सीजन थेरेपी इस चुनौती को स्वीकार करने में पूरी तरह सक्षम है। इस थेरेपी में ऑक्सीजन ग्रहण करने की क्षमता बढ़ाकर सिरदर्द दूर किया जाता है। इसमें न डॉक्टर की जरूरत पड़ती है न ही ज्यादा पैसे खर्च करने की। सब कुछ मरीज को खुद-ब-खुद करना पड़ता है। वैसे सिरदर्द के इलाज में अधिकतर पेन किलर दिए जाते हैं। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। ये किडनी और हृदय को भी काफी नुकसान पहुंचाते हैं।
यह है वैज्ञानिक आधार
शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड बढ़ने और ऑक्सीजन की मात्रा घटने से सांस संबंधी दिक्कत के साथ ही सिरदर्द शुरू हो जाता है। कई बार यह इतना तेज हो जाता है कि इसे सहन करना मुश्किल हो जाता है। दरअसल ऑक्सीजन शरीर और मुंह के माध्यम से फेफड़ों में जाता है। इसके बाद खून के रास्ते से पूरे शरीर में फैल जाता है। इसका स्तर कम होने से दिमाग की कोशिकाएं भी मरने लगती हैं। फलस्वरूप अक्सर सिरदर्द होता रहता है।
ऑक्सीजन से खुद को ऐसे भरें
खुली हवा में गहरी सांस लें
खुली और शुद्ध हवा में गहरी सांस लेने से सिरदर्द से काफी राहत मिलती है। इसके लिए जरूरी नहीं कि आप घर में ही हों। पार्क, सड़क, दफ्तर आदि में रहते हुए भी लंबी सांस ली जा सकती है। इससे शरीर के अंदर ऑक्सीजन की कमी नहीं होती। शरीर में ऑक्सीजन का स्तर 99 प्रतिशत होना चाहिए। अगर यह 96 प्रतिशत भी हो जाए तो व्यक्ति बीमारी की चपेट में आने लगता है। इसमें सबसे पहले फेफड़े से जुड़े रोग शुरू होते हैं।
एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा बढ़ाएं
उच्च एंटीऑक्सीडेंट्स वाले खाद्य पदार्थ खाएं। इससे शरीर के विभिन्न हिस्सों को रक्त पहुंचाने में मदद मिलती है। इससे शरीर के सारे विषैले तत्व बाहर निकलते हैं। अंगूर, जामुन, आम, गाजर, पालक, कद्दू, प्याज और लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा ज्यादा पाई जाती है। इनको अपने रोज के आहार में शामिल करना चाहिए। ग्रीन चाय भी इसमें काफी कारगर साबित होती है।
एरोबिक्स एक्सरसाइज करें
एरोबिक्स एक्सरसाइज से सिरदर्द कम होता है। इससे दिल की क्षमता बढ़ती है और रक्त संचार सुधरता है। एरोबिक्स में टहलना, दौड़ना, नृत्य करना, साइकिल चलाना, रस्सी कूदना और तैराकी आदि शामिल है पर सांस खींचने की एक्सरसाइज दर्द में ज्यादा उपयोगी है। इसमें सांस लेने, छोड़ने और रिलेक्स होने का बेहतर समन्वय सिखाया जाता है। अर्थराइटिस और कैंसर के रोगियों के लिए भी यह लाभदायक होता है। नियमित इस एक्सरसाइज को करने से फायदा होता है।
योग को अपनाएं
गहरी सांस लेने वाले योग तकनीक का सहारा लें। उज्जायी एक ऐसी ही तकनीक है, जिसमें गहरी सांस ली जाती है। इसे समुद्र की सांस भी कहा जाता है। ऑक्सीजन लेने के लिए प्राणायाम को भी अपनाया जा सकता है। इसमें नियमितता अनिवार्य है। कई शहरों में स्पा में भी 100 प्रतिशत ऑक्सीजन मुहैया कराई जाती है। स्पा संचालकों के अनुसार यह ऑक्सीजन प्राकृतिक ऑक्सीजन से कहीं ज्यादा शुद्ध होती है। वैसे अब स्पा की जरूरत नहीं है। पहाड़ों की शुद्ध हवा बंद बोतल में बिक रही है। इसे जब चाहे तब लिया जा सकता है।
घर-दफ्तर को अनुकूल बनाएं
पर्याप्त ऑक्सीजन के लिए घर और दफ्तर का खुला होना जरूरी है, ताकि हवा आ सके। अंदर की खराब हवा बाहर निकालने के लिए भी यह आवश्यक है। लेकिन इससे भी अधिक जरूरी यह है अंदर शुद्ध हवा कैसे बनाकर रखी जाए। ऐसे में एयर प्यूरीफायर उपकरण लगवाने के अलावा कारगर होते हैं एयर फिल्टर करने वाले पौधे। इनके लिए एलोवेरा, स्नेक प्लांट, रबर प्लांट, स्पाइडर प्लांट और ट्यूलिप के पौधे लगाए जा सकते हैं। इनसे घर और दफ्तर की सुंदरता भी बढ़ती है।
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