जयपुर के अल्बर्ट हॉल म्यूजियम में रखी है 2500 साल पुरानी मिस्र की ममी
राजाओं-महाराजाओं के शहर पिंक सिटी जयपुर में सिटी पैलेस, हवा महल, जल महल और किलों के अलावा एक खास म्यूजियम भी है, जो आपके जयपुर के पूरे टूर को यादगार बना देता है। जयपुर के अल्बर्ट हॉल म्यूजियम में आज भी मिस्र की 2500 साल पुरानी ममी (मृत देह) रखी है, जिसे देखने रोजाना सैकड़ों लोग दूर-दूर से आते हैं। ममी को यहां म्यूजियम के प्रथम तल पर शीशे के शोकेस में लेप लगाकर रखा गया है।
ममी की खासियत
अल्बर्ट म्यूजियम में रखी गई ममी मिस्र के प्राचीन राज्य पैनोपोलिस के अखमीन में मिली थी। टौलोमाइक युग (322 से 39 ईस्वी पूर्व) की यह ममी तुतू नामक महिला की है, जो खेम देव की उपासना करने वाले पुरोहितों के परिवार की थी। तुतू की जब मौत हुई तो उस समय उसकी उम्र 50 से 60 वर्ष के बीच थी। जयपुर में रखी गई ममी भारत में रखी गईं सात ममी में से एक है। जयपुर के अलावा यह ममी लखनऊ, बड़ौदा, कोलकाता और गोवा में रखी गई है।
प्रदर्शनी के लिए लाई गई थी
1883 में राजा सवाई माधो सिंह (द्वितीय) ने ब्रिटिश सरकार और भारतीय राज्यों के सहयोग से एक प्रदर्शनी आयोजित की थी। इसी प्रदर्शनी के लिए 19वीं सदी के अंत में मिस्र से इस ममी को जयपुर लाया गया था। ममी खरीदी गई या उपहार में मिली थी, इस बात का कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है। कहा जाता है कि मिस्र में ममी की अधिकता के चलते एक समय में वहां के लोग ममी को बेचने लगे थे। हालांकि, इसकी कीमत के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
विशेष देखरेख में रखी गई है ममी
अल्बर्ट म्यूजियम में ममी को राज्य पुरातत्व विभाग की निगरानी में रखा गया है। समय-समय पर इसकी सुरक्षा जांच की जाती है। मिस्र के कैरों म्यूजियम के विशेषज्ञों के निर्देशानुसार ममी की देखभाल की जाती है। 1999 और 2011 में मिस्र से आए दल ने ममी का रासायनिक उपचार किया था। इस दल ने 2011 में ममी का एक्सरे भी किया था, जिसमें हजारों साल बाद भी ममी के कंकाल का ढांचा एकदम सही-सलामत दिखा था। इस एक्सरे की फिल्म (फोटो) को अल्बर्ट म्यूजियम में प्रदर्शित किया गया है।
अल्बर्ट हॉल म्यूजियम के बारे में
अल्बर्ट हॉल म्यूजियम को वर्ष 1887 में खोला गया था। इस म्यूजियम का नाम किंग एडवर्ड सप्तम (अल्बर्ट एडवर्ड) के नाम पर रखा गया। 2008 में इसका पुननिर्माण किया गया। इस म्यूजियम में ब्रिटिश, यूरोपीय, ग्रीक, रोम, ईरानी, मध्यकालीन आदि कॉल की कलाकृतियां, भित्तिचित्र, पेंटिंग, सिक्के, हथियार, कपड़े और धातु से बनीं दुर्लभ वस्तुएं आदि प्रदर्शित की गई हैं।
म्यूजियम का टिकट
अल्बर्ट म्यूजियम में 52 रुपये प्रवेश शुल्क (12 साल से ऊपर के लोगों के लिए) चुकाने के बाद म्यूजियम में रखीं दुर्लभ वस्तुओं और ममी को देखा जा सकता है।
म्यूजियम खुलने का समय
अल्बर्ट म्यूजियम सुबह 9:00 से शाम 5:00 बजे तक और शाम 7:00 से रात 10:00 बजे तक सप्ताह के सातों दिन खुला रहता है।
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