क्यों होता है पीलिया (Jaundice) ? क्या हैं इससे छुटकारे के उपाय

पीलिया को Jaundice भी कहते हैं। ज्यादातर यह बीमारी प्रीमैच्योर नवजात में होती है। हालांकि, बड़ी उम्र के लोग भी इससे अछूते नहीं हैं। इसका समय पर इलाज न करने से मरीज की हालत काफी गंभीर हो जाती है। कुछ घरेलू एहतियात और खानपान में बदलाव से आसानी से इस बीमारी से पार पाया जा सकता है। बावजूद इसके किसी भी तरह की जटिल स्थिति में डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। नवजात से जुड़े केस में तो बिना देर किए हर हाल में उसे अस्पताल पहुंचाना चाहिए।

क्या है पीलिया और उसके कारण

पीलिया की बीमारी लिवर में बिलिरुबिन (Bilirubin) नामक पदार्थ की मात्रा बढ़ने के कारण होती है। बिलिरुबिन रक्त में उपस्थित एक पीला पदार्थ है। यह शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने के कारण बनता है। सामान्य तौर पर यह लिवर, पित्ताशय (Gallbladder) और पाचन तंत्र से होते हुए बाहर निकल जाता है। जब लाल रक्त कोशिकाएं समय से पहले टूटने लगती हैं तब लिवर में बिलिरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है। इससे व्यक्ति की मुश्किल बढ़ जाती है।

पीलिया को इन लक्षणों से पहचानें

  • त्वचा का पीला पड़ जाना
  • आंखों का सफेद होना
  • बुखार आना
  • गहरे पीले रंग का यूरिन आना
  • भूख का कम लगना
  • सिर में दर्द
  • हल्के रंग का मल होना
  • वजन का घटना
  • पेट दर्द और शरीर में खुजली
  • कमजोरी और थकान महसूस होना

कुछ जरूरी एहतियात

  • किसी गंदी जगह खाना न खाएं। खाना अत्यंत सफाई बरतते हुए बना होना चाहिए।
  • पानी एकदम शुद्ध होना चाहिए। प्रयास करें कि बोतलबंद या आरओ का पानी ही पीएं।
  • घर में बने सादे भोजन, जैसे-खिचड़ी, दलिया आदि का ही सेवन करें। बाहर के खाने से मुश्किल और बढ़ सकती है।
  • अल्कोहल का सेवन कम मात्रा में करें। वैसे इसका त्याग करना सबसे बेहतर होता है। इससे लिवर पर असर पड़ता है।
  • मरीज को इस बीमारी की स्थिति में रक्तदान करने से बचना चाहिए।

ये खाद्य पदार्थ खाएं

  • पीलिया में गन्ने का जूस काफी फायदेमंद होता है। इसमें थोड़ा नींबू मिलाकर लिया जा सकता है। इससे लिवर को काफी फायदा पहुंचता है।
  • नारियल पानी भी इस बीमारी में काफी लाभकारी है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स की मौजूदगी के चलते यह लिवर को किसी भी तरह के नुकसान से बचाता है।
  • पीलिया में मूली भी बहुत कारगर है। इसे धोकर कच्चे भी खा सकते हैं। इसका जूस भी लिया जा सकता है। पीलिया ठीक होने तक इसका सेवन करना चाहिए।
  • टमाटर भी इसमें काफी फायदेमंद होता है। टमाटर का जूस चुटकीभर काली मिर्च मिलाकर खाली पेट लेने से काफी राहत मिलती है। आंवले का जूस भी इस रोग में लाभकारी होता है।
  • दही, छाछ और नींबू-पानी ऐसे रोगियों के लिए रामवाण साबित होता है। छाछ में चुटकीभर काली मिर्च मिला देने से इसका असर और भी ज्यादा होता है।
  • तरबूज, केले समेत अन्य ताजे फल और ताजी सब्जियां इस रोग में ली जा सकती हैं। सब्जियों को अच्छी तरह से उबालकर ही इस्तेमाल करना चाहिए।

इन खाद्य पदार्थों को न खाएं

  • पीलिया के रोगियों को मांस का सेवन कदापि नहीं करना चाहिए। अंडे से भी इस दौरान परहेज करें।
  • तले-भुने खाद्य पदार्थों के इस्तेमाल से बचें। इससे इनकी पौष्टिकता भी खत्म हो जाती है। केवल उबला हुआ खाना ही खाएं।
  • जंकफूड का कतई प्रयोग न करें। पीलिया के दौरान चाय, खासकर कॉफी लेने से दूर ही रहें।
  • ज्यादा मीठे खाद्य पदार्थों के सेवन से भी बचना चाहिए। कुछ दिन के लिए केक, चॉकलेट, आइसक्रीम आदि भूल जाएं।

कुछ अन्य घरेलू उपचार

  • त्रिफला को रात में पानी में भिगोकर रख दें। सुबह उठकर छानकर इसका पानी पीएं। एक हफ्ते तक ऐसा करने से बीमारी से काफी राहत मिलती है।
  • नीम के पत्तों का रस निकालकर उसे छानकर पीएं। यह कड़वा होता है, इसलिए इसे ज्यादा मात्रा में नहीं लेना चाहिए। ऐसा करने से आराम मिलता है।
  • थोड़ी मात्रा में साबुत धनिये को रातभर के लिए पानी में भिगोकर रख दें। सुबह इसे छानकर इसका पानी पी लें। हफ्ते में 2-3 दिन ऐसा करने से काफी लाभ मिलता है।
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