बाइक चालकों को क्यों है नपुंसकता का खतरा ?

मोटरसाइकिल से सफर के फायदे चाहे जो हों, पर थोड़ी सी असावधानी लंबे समय में सेहत के लिए खतरा साबित हो सकती है। यहां तक कि नपुंसकता की नौबत भी आ सकती है। मोटरसाइकिल बनाने वाली कंपनियों और चिकित्सकों के अनुसार रोज या हफ्ते में कम से तीन दिन लंबे समय तक मोटरसाइकिल चलाने वालों को इन बातों पर जरूर ध्यान देना चाहिए।

बैठने की मुद्रा

मोटरसाइकिल चलाते समय बैठने की मुद्रा (Posture) सही न हो तो गर्दन, पीठ, कंधों और जोड़ों पर दबाव पड़ता है। ऐसा लगातार होने पर शरीर के इन हिस्सों में दर्द रहने लगता है और धीरे-धीरे यह बीमारी का रूप ले लेता है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि मोटरसाइकिल चलाते वक्त बैठने की अपनी पोजिशन सीधी रखें। इस दौरान सिर हल्का ऊपर की तरफ और चालक की ठोढ़ी (Chin) रास्ते की दिशा में होनी चाहिए। हाथों और कलाइयों पर कम से कम भार डालें। इसके अलावा पीठ के बजाय ज्यादा से ज्यादा वजन पेट की मांसपेशियों पर पड़ना चाहिए। बाइक चलाते समय घुटने और पैर बाइक से सटे होने से गाड़ी पर पकड़ मजबूत बनी रहती है।

सीट और बाइक

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इम्पोटेंस रिसर्च पत्रिका में जापान के डॉक्टरों के हवाले से प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कई मोटरसाइकिलों की सीट की बनावट सही न होने से निजी अंगों पर दबाव पड़ता है। इससे इस हिस्से में रक्तप्रवाह बाधित होता है और नपुंसकता का खतरा पैदा हो जाता है। डॉक्टरों के अनुसार ज्यादा वाइब्रेशन (कंपन) करने वाली बाइक के इंजनों की वजह से शरीर के बीच के हिस्से की तंत्रिकाएं क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। इस वजह से मूत्राशय संबंधी दिक्कत होने की आशंका भी बढ़ जाती है।

ड्राइविंग के समय इयरप्लग

लगातार 20 मिनट या इससे ज्यादा समय तक 100 डेसिबल तक शोर का स्तर बना रहे तो इसे कानों के लिए हानिकारक माना जाता है। 75 किलोमीटर प्रति घन्टा तक की गति पकड़ते-पकड़ते बाइक 100 डेसिबल तक शोर करने लगती है। इसलिए अगर बाइक से काफी लंबी दूरी तय करनी हो तो इअरप्लग (Earplug) जरूर लगाना चाहिए। इअरप्लग्स लगाने पर वाहनों के हॉर्न आदि सुनने में कोई दिक्कत नहीं होती है।

ढीले कपड़े, ज्यादा पानी

ढीले कपड़ों में ड्राइविंग आसान होती है। ऐसे कपड़े पहनने से शरीर को हवा लगती रहती है। गर्मी में पसीने सोखने वाले कपड़े पहनकर बाइक चलानी चाहिए। इस दौरान पानी पर्याप्त मात्रा में लेना चाहिए। इसे चालक तरोताजा बना रहता है और चक्कर आने आदि का खतरा नहीं रहता है। अल्कोहल के सेवन के बाद बाइक चलाने का जोखिम न उठाना बेहतर होता है। बाइक से लंबी यात्रा के दौरान बीच-बीच में ब्रेक जरूर लेना चाहिए।

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