माइग्रेन के अटैक से ऐसे बचें
माइग्रेन (Migraine) का अटैक आम तौर पर 4 से 72 घन्टे के लिए ही होता है, पर यह बहुत कष्टकर होता है। बहुत से लोगों में अटैक से पहले ही इसके लक्षण उल्टी, मतली या साफ न दिखने के रूप में सामने आने लगते हैं। इस बीमारी में प्रायः सिर के एक हिस्से में दर्द उठता है। यह घटता-बढ़ता रहता है। गर्दन, आंखों और चेहरे पर भी दर्द महसूस होता है। यह बीमारी किसी भी उम्र में शुरू हो सकती है। किशोरों में भी यह आम है पर 30 की उम्र के युवाओं में इसके होने का खतरा ज्यादा होता है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में इसके होने की आशंका 3 गुना अधिक होती है। इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन कुछ आसान प्रमाणिक उपायों से इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
खानपान में सावधानी
माइग्रेन के रोगी अपनी खान-पान की आदत में बदलाव लाकर इसके अटैक को कम कर सकते हैं। ऐसे मरीजों को मीट खासकर रेड मीट, चीज (Cheese) और शराब से दूरी बनाकर रहना चाहिए। प्रोसेस्ड फूड, डेयरी पदार्थ, ठंडी आइसक्रीम आदि से माइग्रेन का अटैक बढ़ने की आशंका बनी रहती है। चॉकलेट और ज्यादा कैफीन का सेवन इस बीमारी को और बढ़ाने का काम करता है। माइग्रेन के मरीजों को सूखे फल खाने से भी बचना चाहिए। विटामिन B12 युक्त खाद्य पदार्थ लेना इस रोग में उपयुक्त रहता है।
पेपरमेंट और तुलसी का तेल
सिरदर्द या माइग्रेन में पेपरमेंट का तेल बहुत कारगर साबित होता है। इसके इस्तेमाल से रक्तप्रवाह में ऑक्सीजन की मात्रा में वृद्धि होती है। इससे सांस लेने में भी आसानी होती है और धीरे-धीरे तनाव घटने लगता है। इसी तरह तुलसी का तेल भी तनाव कम करने का काम करता है। इसे लगाने से मांसपेशियों के दर्द में काफी आराम मिलता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड
सिरदर्द का एक मुख्य कारण पेट की जलन है और इसे कम करने का काम करता है ओमेगा-3 फैटी एसिड। यह एसिड सलमॉन (Salmon) मछली में ज्यादा पाया जाता है। सोयाबीन, अखरोट और अलसी के बीज में भी ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। इनके सेवन से माइग्रेन के मरीजों को काफी फायदा मिलता है। यह एसिड हृदय रोग के खतरों को भी कम कर देता है।
एक्यूप्रेशर का सहारा
एक्यूप्रेशर दर्द में उपचार की उत्तम विधि मानी जाती है। इस विधि से शरीर के अलग-अलग अंगों में दर्द दूर करने के लिए अलग-अलग बिंदुओं को दबाया जाता है। बाएं हाथ के अंगूठे के ऊपर खाली जगह पर 5 मिनट तक दबाने से माइग्रेन से काफी राहत मिलती है। वर्तमान समय में इसके लिए कई आधुनिक गजट आ चुके हैं। इस विधि से सही उपचार के लिए किसी विशेषज्ञ का ही सहारा लेना चाहिए। इसके तरीके सही तरह से सीखने के बाद इसे घर पर खुद भी किया जा सकता है।
सिर का मसाज
माइग्रेन में सिर-खोपड़ी के मसाज से काफी राहत मिलती है। इससे रक्त संचार सुधरता है और मांसपेशियों का खिंचाव दूर होता है। इससे गर्दन के आसपास के हिस्सों में अकड़न दूर होती है। 5 से 7 मिनट का मसाज तनाव दूर करने और दिमाग को सुकून दिलाने के लिए काफी होता है। बालों की मजबूती और विकास के लिए भी इसे लाभदायक माना जाता है। ललाट पर आइसक्यूब पैक रखने से भी माइग्रेन के अटैक से राहत मिलती है।
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