हरिद्वार-ऋषिकेश का दो दिन का कंप्लीट टूर, जानें A टू Z सभी जानकारी
हरिद्वार-ऋषिकेश का टूर (Haridwar-Rishikesh Tour) वाकई बहुत ही रोमांचक, यादगार और धार्मिकता से कूट-कूटकर भरा हुआ होता है। इस टूर को अगर यादगार बनाना चाहते हैं तो आपको कम से कम दो दिन का समय निकालना पड़ेगा । दो रात नाइट स्टे की भी जरूरत पड़ती है। फिर तीसरे दिन आप कभी न भूलने वाली यादों को समेटे आप अपने घर में होंगे। हरिद्वार और ऋषिकेश में एक नहीं, अनेक पर्यटक स्थल हैं। हरिद्वार की गंगा आरती में शामिल होना बहुत ही अलग अनुभव होता है। हम इस यात्रा की शुरुआत दिल्ली से करेंगे। वैसे आप कहीं से भी कर सकते हैं।
Day 1
यात्रा की शुरुआत आप निजी वाहन से भी कर सकते हैं या ट्रेन या एरोप्लेन का भी सहारा ले सकते हैं। पहले दिन आपको दिल्ली से सीधे हरिद्वार पहुंचना है। प्रयास यह करें कि सुबह के समय ही आप हरिद्वार पहुंच जाएं। यहां पहुंचने के बाद आप हरकी पैड़ी के आसपास होटल ले लें। यहां होटल लेने का लाभ यह होता है कि शाम को गंगा आरती देखने जाने में आसानी रहती है। यहां होटल 400 से लेकर 3000 रुपये तक में मिल जाते हैं। यहां ओयो होटल सस्ता विकल्प है। सुबह हरिद्वार पहुंचने के बाद होटल में फ्रेश होएं, अच्छा सा ब्रेकफास्ट ले लें और 10-15 मिनट के अंतराल के बाद हरिद्वार दर्शन के लिए निकल पड़ें।
हरिद्वार में कई मंदिर हैं। आप दिन में मनसा देवी मंदिर, माया देवी मंदिर, सप्तऋषि मंदिर और रामानन्द आश्रम समेत अन्य प्रमुख स्थान घूम लें। इसके बाद वापस होटल पर लौट आएं। हल्का सा स्नैक्स लेने के बाद थोड़ी देर रेस्ट लें। इसके बाद गंगा आरती में भाग लेने के लिए होटल से निकल जाएं।
गंगा आरती
प्रसिद्ध हरकी पैड़ी (Har Ki Pauri) पर रोज शाम को 6:00 बजे से विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती (Ganga Aarti) होती है। यह एक अलौकिक नजारा होता है। इसमें भाग लेने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं। आरती से लौटकर आने के बाद डिनर लें और रात में यहां विश्राम करें।
दिल्ली से हरिद्वार कैसे पहुंचें
सड़क मार्ग
सड़क मार्ग से दिल्ली से हरिद्वार की दूरी करीब 222 किलोमीटर है। एनएच 334 से हरिद्वार पहुंचने में करीब साढ़े चार घंटे लग जाते हैं। दिल्ली से हरिद्वार के लिए वॉल्वो बसें और कैब भी बुक कर सकते हैं।
ट्रेन रूट
दिल्ली से हरिद्वार के लिए रोज करीब 6 ट्रेन खुलती हैं। इसमें देहरादून शताब्दी, मसूरी एक्सप्रेस, उत्कल एक्सप्रेस और देहरादून एक्सप्रेस शामिल हैं। हरिद्वार के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के अलावा हजरत निजामुद्दीन स्टेशन और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से भी ट्रेन मिलती हैं। यहां से ट्रेन से हरिद्वार जाने में 4 से 8 घंटे लगते हैं। समय अलग-अलग ट्रेन पर निर्भर करता है।
हवाई जहाज से
हरिद्वार का निकटतम एयरपोर्ट देहरादून में स्थित जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है। यहां से हरिद्वार की दूरी 37 किलोमीटर है। देहरादून के लिए दिल्ली, मुंबई और कई अन्य शहरों से सीधी फ्लाइट है। नई दिल्ली से बाय एयर देहरादून पहुंचने में 40 से 55 मिनट लगते हैं।
Day 2
यात्रा के दूसरे दिन सुबल होटल में ब्रेकफास्ट लें और निकल पड़ें ऋषिकेश के रोमांचक सफर पर। हरिद्वार से ऋषिकेश के लिए टैक्सी आसानी से मिल जाती है। दूसरे दिन आपको एक से एक साइट सीन देखने को मिलेंगे। गंगा नदी के साथ-साथ पहाड़ अत्यंत मनमोहक दृश्य उपस्थित करते हैं। हरिद्वार से ऋषिकेश की दूरी 24 किलोमीटर है। इस सफर में करीब एक घन्टे लगते हैं। समुद्र तल से 1360 फीट की ऊंचाई पर स्थित ऋषिकेश को बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री का प्रवेश द्वार माना जाता है। इसे योग की वैश्विक राजधानी कहा जाता है।
ऋषिकेश में कहां-कहां घूमें
लक्ष्मण झूला और राम झूला
450 फीट लंबे लक्ष्मण झूला (Lakshman Jhula) को 1996 में बनवाया गया था। इसका प्राचीन संबंध है। कहा जाता है कि लक्ष्मण ने गंगा नदी को पार करने के लिए इसी जगह पर जूट का झूला बनवाया था। लक्ष्मण झूला के अलावा आप पास स्थित राम झूला (Ram Jhula) भी देख सकते हैं।
अन्य मंदिर
ऋषिकेश में स्वर्ग आश्रम, भरत मंदिर, नीलकंठ महादेव मंदिर, कैलाश निकेतन मंदिर, वशिष्ठ गुफा और गीता भवन भी जाया जा सकता है। इन सबका प्राचीन धार्मिक महत्व है। इन स्थानों पर आप दिन में घूम लें।
त्रिवेणी घाट
दिन में मंदिर घूमने के बाद अब शाम को आ जाएं त्रिवेणी घाट पर। यहां तीन प्रमुख नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है। यहां की शाम की आरती बहुत ही खास होती है। इसे देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं। आरती देखने के बाद आप वापस हरिद्वार में होटल के निकल जाएं। वहां डिनर लें और रात्रि विश्राम करें।
Day 3
हरिद्वार के होटल में ही ब्रेकफास्ट लें और वापस दिल्ली के लिए निकल पड़ें। तीसरे दिन आप 11-11:30 तक दिल्ली में होंगे। आप चाहें तो ऋषिकेश से रात में ही सीधे अपने गंतव्य को निकल सकते हैं। इससे आपको वापस हरिद्वार जाकर रुकने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। इस तरह से यह कुल दो दिन का टूर सभी के लिए काफी यादगार होगा।
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