कब्ज दूर करने के लिए त्रिफला (Triphala) है रामवाण
त्रिफला (Triphala) एक आयुर्वेदिक औषधि के तौर पर काम करता है। प्राचीन काल से इसका प्रयोग चला आ रहा है। चरक संहिता में भी उल्लेख मिलता है। त्रिफला संस्कृत का शब्द है, जिसका अर्थ है : तीन फल अर्थात यह तीन फलों से मिलकर बना है। ये हैं -आमलकी (आंवला), विभीतकी (बहेड़ा) और हरितिकी (हरड़)। ये तीनों फल शरीर के तीन दोषों को दूर करने का काम करते हैं : वात दोष (शरीर और दिमाग में संचार)। पित्त दोष (शरीर में पाचन प्रक्रिया पर नियंत्रण)। कफ दोष (शरीर की संरचना और द्रव संतुलन)। त्रिफला में सोडियम, फाइबर, अमीनो एसिड और गैलिक एसिड आदि पाया जाता है। करीब 3 ग्राम त्रिफला चूर्ण में 45 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। यह कई बीमारियों और दिक्कतों को दूर करने में बहुत उपयोगी है। कब्ज को दूर करने के लिए त्रिफला को रामवाण माना जाता है। त्रिफला चूर्ण और रस हर बड़े मेडिकल स्टोर से लिया जा सकता है। यह ऑनलाइन भी उपलब्ध है।
त्रिफला के फायदे
1. पाचन में सुधार
त्रिफला को रेचक (Laxative) के तौर पर जाना जाता है। यह पेट साफ करने के साथ ही कब्ज दूर करता है। इसके सेवन से मल त्याग नियमित हो जाता है। रात को सोते समय एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गर्म पानी या हल्के गर्म दूध के साथ लेने से कब्ज से काफी राहत मिलती है। सुबह खाली पेट पानी के साथ एक चम्मच त्रिफला चूर्ण लेने से पेट फूलने या गैस बनने आदि की समस्या दूर होती है। त्रिफला चाय लेनी भी फायदेमंद होती है।
2. कोलेस्ट्रॉल कम करे
त्रिफला में पाए जाने वाले लिनोलिक तेल शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ा देता है। त्रिफला चूर्ण के नियमित सेवन से बुरा कोलेस्ट्रॉल कम होता है। इससे हृदय संबंधी रोग होने की आशंका कम होती है। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कम होता है। त्रिफला किडनी और लिवर को भी दुरुस्त रखता है।
3. बढ़ा वजन घटाए
त्रिफला में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स की वजह से यह शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने का काम करता है। यह फैट कम करने में अत्यंत उपयोगी है। यह पेट की चर्बी को बखूबी घटाता है। रोज 10 ग्राम त्रिफला लेने वाले कुछ मोटे लोगों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि उनका वजन घटा हुआ था।
4. प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
त्रिफला के सेवन से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। मजबूत प्रतिरोधक क्षमता से हमें बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है। इसके लिए त्रिफला चूर्ण लेना बेहतर होता है। यह शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने के साथ खतरनाक बैक्टीरिया आदि को भी खत्म करता है। आधा से एक चम्मच त्रिफला चूर्ण शहद के साथ दिन में दो बार 2 माह तक लेने से काफी लाभ मिलता है।
5. डायबिटीज में लाभकारी
डायबिटीज रोगियों को त्रिफला चूर्ण, टैबलेट या रस का सेवन करने से काफी राहत मिलती है, क्योंकि यह ब्लड ग्लूकोज का स्तर कम कर देता है। एक स्टडी के मुताबिक 45 दिन तक रोज 5 ग्राम त्रिफला का सेवन करने वालों का ब्लड ग्लूकोज का स्तर काफी कम मिला। हालांकि, डायबिटीज के मरीजों को त्रिफला के प्रयोग से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
6. त्वचा और आंखों के लिए बेहतर
मुंह पर कील-मुहांसे पित्त वृद्धि के कारण होते हैं। रोज सुबह खाली पेट त्रिफला चूर्ण लेने से कील-मुहांसे काफी हद तक ठीक हो जाते हैं। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों के चलते इससे एक्जिमा से भी राहत मिलती है। त्रिफला रस के सेवन से आंखों की रोशनी में सुधार होता है। बालों में त्रिफला चूर्ण लगाने से डैंड्रफ से छुटकारा मिलता है।
7. कैंसर होने से रोके
त्रिफला में गैलिक एसिड और पोलीफेनॉल्स की मौजूदगी के चलते यह कैंसर कोशिकाओं से लड़ने का काम करता है। यह पेट और अग्नाशय के कैंसर को बढ़ने से रोकता है। चूहों पर इस बारे में किया गया अध्ययन सफल रहा है। इसके अलावा त्रिफला चूर्ण से कुल्ला या ब्रश करने पर दांतों और मसूड़ों की समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
ये बरतें सावधानी
त्रिफला के तमाम फायदों के बावजूद गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को इसके सेवन से बचना चाहिए। इससे उनको नुकसान भी हो सकता है। बच्चों को इसकी ज्यादा मात्रा का सेवन नहीं करने देना चाहिए, इससे उनको डायरिया या अन्य दिक्कत हो सकती है।
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