वियाग्रा जैसी दवा से हो सकेगा ‘हार्ट फेल’ होने का इलाज
हार्ट फेल (Heart failure) होने का इलाज अब वियाग्रा (Viagra) से मिलती-जुलती दवा से हो सकेगा। ऐसा दावा है यूनाइटेड किंगडम स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर के शोधकर्ताओं का। उनके अनुसार टडलफिल (Tadalafil) नामक दवा हार्ट फेल की स्थिति में बहुत ही कारगर हो सकती है। भेड़ों पर इस दवा के प्रयोग में यह साबित हो चुका है। अभी टडलफिल का प्रयोग वो लोग करते हैं, जो सेक्स के दौरान स्तंभन दोष (Erectile dysfunction) का शिकार होते हैं। ऐसे लोगों को लगातार दिक्कत या झेंप महसूस होती है। गौर हो कि टडलफिल का ब्रांड नाम सियालिस (Cialis) है।
रिसर्च की इसलिए पड़ी जरूरत
दुनियाभर में हार्ट फेल के शिकार लोगों की अभी अनुमानित संख्या 2 करोड़ 60 लाख है। अकेले भारत में ही इसके लाखों मरीज हैं। हार्ट फेल के करीब आधे मरीज इलाज शुरू होने के 5 वर्ष के अंदर दम तोड़ जाते हैं। इस रोग की भयावहता को देखते हुए ही यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर की रिसर्च टीम ने इसके इलाज की दिशा में कुछ नया खोजने की ठानी। इसके बाद प्रयोग शुरू हुआ।
तीन हफ्ते में चमत्कार
रिसर्च की अगुवाई करने वाले प्रोफेसर एंड्रियू ट्रैफर्ड और उनकी टीम ने टडलफिल दवा का असर जानने के लिए भेड़ों को चुना, क्योंकि भेड़ों और इंसानों का दिल काफी मिलता-जुलता है। इन भेड़ों में हार्ट फेल होने के लक्षण पैदा किए गए और इसके बाद उन्हें टडलफिल का नियमित डोज दिया गया। दवा के इस्तेमाल के तीन हफ्ते के अंदर चौंकाने वाले नतीजे सामने आए। भेड़ों की स्थिति काफी सुधरी हुई थी। प्रोफेसर ट्रैफर्ड के अनुसार इंसानों के हार्ट फेल होने की स्थिति में भी यह दवा उतनी ही कारगर साबित होगी।
ऐसे पहचानें हार्ट फेल के लक्षण
हार्ट या दिल फेल होने की स्थिति में हार्ट शरीर के अन्य हिस्सों के लिए पर्याप्त रक्त पंप नहीं कर पाता, फलस्वरूप ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इसके बहुत से मरीजों के दिल में पर्याप्त रक्त नहीं भर पाता है। इससे भी दिक्कतें बढ़ जाती हैं। अत्यधिक थकान या कमजोरी, सांस का कम आना, अनियमित हार्ट-बीट, पैर, टखने, पेट और गर्दन पर सूजन और तेजी से वजन बढ़ना इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं।
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