कुतुब मीनार में बहुत कुछ है खास, घूमने जाने से पहले यह जरूर जान लें

स्थित : महरौली, दिल्ली

खुलने के दिन : हफ्ते के सातों दिन

खुलने का समय : सुबह 7:00 से शाम 5:00 बजे तक

प्रवेश शुल्क : भारतीय : 40 रुपये। विदेशी : 600 रुपये
(15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रवेश निशुल्क)

नजदीकी मेट्रो स्टेशन : कुतुब मीनार (यलो लाइन)

कुतुब मीनार (Qutub Minar) की शान इसके बनने के सैकड़ों वर्षों बाद आज भी कम नहीं हुई है। दिल्ली (Delhi) आने वाले पर्यटकों, खासकर विदेशियों के लिए यह स्थान अब भी पहली पसंद है। महरौली स्थित कुतुब मीनार ईंट से बनी दुनिया की सबसे ऊंची मीनार है। इसके परिसर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर का दर्जा दे रखा है। लाल और हल्के पीले बलुआ पत्थरों से बनी पांच मंजिला इस मीनार के अंदर भी बहुत कुछ खास है। यहां घूमने जाने के लिए अक्टूबर-नवंबर या फरवरी से मार्च का महीना उत्तम होता है। यहां जब भी जाएं कम से 2 घन्टे का समय निकालकर जाएं ताकि अच्छी तरह से घूम सकें।

मीनार का निर्माण और खासियत

कुतुब मीनार का निर्माण दिल्ली के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1199 में शुरू करवाया था। प्रसिद्ध सूफी संत कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर इसका नाम कुतुब मीनार रखा गया। ऐबक ने कुतुब मीनार के आधार और पहले तल को बनवाया। ऐबक के उत्तराधिकारी और उसके दामाद इल्तुतमिश ने 1220 में इसके ऊपर तीन मंजिल और बनवाई। 1368 में फीरोज शाह तुगलक ने इसकी पांचवीं और अंतिम मंजिल बनवाई। इसकी प्रत्येक मंजिल में एक बालकनी है।

कुतुब मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर यानि 237.86 फीट है। इसके अंदर कुल 379 सीढ़ियां हैं, जो कि घुमावदार हैं। आधार पर इसका व्यास (Diameter) 14.3 मीटर और टॉप पर सिर्फ 2.7 मीटर है। मीनार पर कुरान की आयतों और फूल के बेलों की नक्काशी की गई है। हालांकि, इस पर अलग-अलग मत हैं पर बहुत से इतिहासकारों के अनुसार 27 हिन्दू मंदिरों को तोड़कर उनके अवशेषों से कुतुब मीनार का निर्माण किया गया। कुतुब मीनार का प्रयोग पास में बनी मस्जिद के मीनार के रूप में प्रयोग किया जाता था, जहां से अजान दी जाती थी।

यहां यह जरूर देखें

  • कुतुब मीनार परिसर में कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद भी स्थित है, जिसे दिल्ली की पहली मस्जिद कहा जाता है। ऐतिहासिक संदर्भों के अनुसार हिन्दू और जैन मंदिरों को तोड़कर उनके ऊपर इस मस्जिद का निर्माण 1193 में शुरू कराया गया था। तब मंदिरों के बहुत से पिलरों का पुनर्निर्माण कर इस मस्जिद का हिस्सा बना लिया गया।
  • इस परिसर में करीब 1604 साल पहले बनाया गया लौह स्तंभ भी स्थित है। इसकी ऊंचाई 7.21 मीटर और भार 6,000 किलो से भी अधिक है। इसे चंद्रगुप्त विक्रमादित्य की याद में उनके बेटे कुमारगुप्त ने 413 ईस्वी में बनवाया था। 98 प्रतिशत लोहे के प्रयोग के बावजूद इस स्तंभ में आज तक जंग नहीं लगा है। यह अपने आप में अजूबा है।
  • कुतुब मीनार परिसर में अलाई दरवाजा और इल्तुतमिश का मकबरा भी देखा जा सकता है।

कुतुब मीनार ऐसे पहुंचें

कुतुब मीनार दक्षिणी दिल्ली के महरौली में स्थित है। महरौली बस डिपो से कुतुब मीनार की दूरी सिर्फ 1 किलोमीटर की है, इसलिए यहां बस से आसानी से पहुंचा जा सकता है। कुतुब मीनार मेट्रो स्टेशन से उतरकर भी कुतुब मीनार परिसर में जाया जा सकता है। यहां से यह 1.6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कुतुब मीनार मेट्रो स्टेशन से कुतुब मीनार के लिए ऑटो भी मिलते हैं। इनका किराया 50 रुपये है।

नजदीकी पर्यटक स्थल

कुतुब मीनार घूमने के साथ-साथ नजदीक के और भी कई स्थानों पर जाया जा सकता है। कुतुब मीनार से महरौली का पुरातात्विक पार्क पैदल भी जाया जा सकता है। यहां से इसकी दूरी करीब 500 मीटर ही है। इस ट्रिप के दौरान साकेत, दिल्ली स्थित मॉल सिटी वॉक, सरोजिनी नगर स्थित प्रसिद्ध मार्केट और दिल्ली हॉट जाया जा सकता है। इसके अलावा गुरुग्राम स्थित ‘किंगडम ऑफ ड्रीम’ भी घूम सकते हैं। ये सारे स्थान कुतुब मीनार से कुछ किलोमीटर के दायरे में ही स्थित हैं।

कुतुब मीनार : संपर्क के लिए नंबर

011-26643856

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