अपनी आंखों की रोशनी इन आसान तरीकों से बढ़ाएं
आंखों की रोशनी कम होना आयु बढ़ने के साथ एक स्वभाविक प्रक्रिया है, लेकिन यह समस्या अब बच्चों और युवाओं में भी बढ़ती जा रही है। इसे हल्के में लेना जानलेवा हो सकता है। इससे स्वास्थ्य से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं भी उत्पन्न हो जाती हैं। अमेरिका स्थित शिकागो के एक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार जिन लोगों को विजन लॉस (दृष्टि कम होना) की समस्या थी, उनमें सामान्य लोगों के मुकाबले 31 प्रतिशत ज्यादा मौत का जोखिम पाया गया। ऐसे लोगों में चिंता और अवसाद के अधिक लक्षण पाए जाते हैं। विजन लॉस उच्च रक्तचाप और डाइबिटीज का भी रेड सिग्नल हो सकता है। आंख विशेषज्ञों के अनुसार इन तरीकों पर अमल कर दृष्टि आसानी से बढ़ाई जा सकती है।
नियमित जांच कराएं
दूर की चीजें धुंधली दिखने या छोटे अक्षर पढ़ने में दिक्कत होने पर बिना देर किए आंख की जांच करानी चाहिए। यह देरी मोतियाबिंद का कारण बन सकती है। चश्मे लगने के बाद भी बच्चों को हर छह महीने और युवाओं या बुजुर्गों को 1-2 साल के अंदर फिर से आंखों का टेस्ट कराना बेहतर होता है। जांच से पहले डॉक्टर को अपने परिवार की आंख से जुड़ी बीमारियों के बारे में जरूर बताएं। इससे उपचार में मदद मिलती है। आंखों में ड्राइनेस (सूखापन) भी दृष्टि कम होने का संकेत है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यह दिक्कत ज्यादा सामने आती है।
अतिरिक्त वजन कम करें
शरीर का भार बढ़ने यानि मोटापे की स्थिति में डाइबिटीज और उच्च रक्तचाप जैसी दिक्कतें बढ़ जाती हैं। इससे दृष्टि का ह्वास होता है। वजन कम करने के लिए ज्यादा कैलोरी बढ़ाने वाली चीजें कम खानी चाहिए। सुबह-शाम नियमित सैर से भी काफी लाभ मिलता है। तैराकी या साइकिलिंग से भी शरीर की काफी एक्सरसाइज होती है और फैट बर्न करने में मदद मिलती है।
सही खाद्य पदार्थ चुनें
आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए जरूरी है कि सही खाद्य पदार्थ का चयन करें। गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, अन्य साग खाना फायदेेमंद होता है। गाजर भी दृष्टि बढ़ाने के लिए उत्तम माना जाता है। ऐसे लोगों को रोज ताजे फल खाना चाहिए। एक रिसर्च के अनुसार ज्यादा ओमेगा-3 फैटी एसिड वाली मछलियों के सेवन से रोशनी बढ़ाने में काफी मदद मिलती है।
बीच-बीच में आंखों को आराम दें
आज के समय में अधिकतर लोगों का ज्यादा समय कम्प्यूटर और मोबाइल पर ही बीतता है। लगातार इन पर काम करते हुए हम कई बार लंबे समय तक पलक नहीं झपकाते। इससे आंखों में सूखापन आने के साथ ही काफी थकान महसूस होती है। चिकित्सकों के अनुसार ऐसी स्थिति में जरूरी है कि 20-20 मिनट पर नजर आसपास दौड़ाएं। बीच-बीच में पलक भी झपकते रहें। इससे आपको काफी लाभ मिलेगा।
धूम्रपान की आदत छोड़ें
धूम्रपान से सेहत के लिए अन्य नुकसान के साथ-साथ शरीर की तन्त्रिका को क्षति का खतरा होता है। ऐसे लोगों को मोतियाबिंद होने की आशंका भी बनी रहती है। इन स्थितियों में आंखों की रोशनी कभी भी जा सकती है। धूम्रपान ज्यादा उम्र के लोगों के लिए और घातक साबित होता है।
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