केवल कंडोम का प्रयोग ही सुरक्षित सेक्स का आधार नहीं
कंडोम का प्रयोग एचआईवी या अन्य यौन संचारित संक्रमण रोकने में तब तक कारगर नहीं है जब तक कि यह जान न लें कि इससे पहले क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। यही बात अनचाहे गर्भधारण रोकने के संदर्भ में भी लागू होती है। कई विकसित देशों में भी कंडोम प्रयोग करने वाले आज भी कई भूल करते हैं। अमेरिका में तो वहां के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) को कंडोम प्रयोग करने वाले एक वर्ग को चेतावनी देने की नौबत आ गई। सुरक्षित सेक्स के लिए पुरुषों को ये सावधानियां बरतनी चाहिए : –
ये जरूर करें
- कंडोम हमेशा लेटेक्स (Latex) का ही प्रयोग करें। यह ज्यादा मुलायम होता है। यह फटने से पहले 800 प्रतिशत तक फैल सकता है। प्लास्टिक से बना कंडोम भी बेहतर साबित होता है। कंडोम ढीले नहीं होने चाहिए।
- हमेशा कंडोम को ठंडे और सूखे स्थान पर रखें। इसे सीधी सूर्य की रोशनी या किसी धारदार चीज से दूर रखना चाहिए। इससे इसके कमजोर होने या फटने का डर रहता है।
- सेक्स के बाद लिंग बाहर करते समय कंडोम के आधार-मुंह को पकड़कर रखें। इसमें जरा-सी असावधानी कंडोम के प्रयोग का उद्देश्य खत्म कर सकती है।
- प्रयोग के बाद कंडोम को सही तरीके से डिस्पोज कर दें। इसे घर से बाहर फेंक दें। अगर ऐसी स्थिति न बन पाए तो कंडोम के मुंह को बांधकर इसे कागज में लपेट दें और पॉलीथिन में डालकर रख दें। इसको बाद में कूड़ेदान में फेंक दें।
ये कदापि न करें
- कंडोम के प्रयोग से पहले उसकी एक्सपायरी डेट जरूर देख लें। यह डेट इसके पैकेट के पीछे लिखी होती है। वैसे अधिकांश लेटेक्स कंडोम का प्रयोग-काल 3 से 5 साल तक के लिए होता है। एक्सपायर्ड डेट के बाद कंडोम के कमजोर होने या फटने का डर रहता है।
- कंडोम को किसी गर्म स्थान पर न रखें। इससे यह कमजोर हो जाता है। कंडोम के रखने के लिए 38 डिग्री सेल्सियस तापमान उचित माना जाता है। इसे 0 डिग्री सेल्सियस कम तापमान पर भी नहीं रखना चाहिए।
- कंडोम के पैकेट को कभी दांत या नाखून से न खोलें। इससे इसके फटने का डर रहता है। अगर इस दौरान कंडोम जरा-सा भी फट जाए तो उसे फेंक दें और नए कंडोम का प्रयोग करें।
- लेटेक्स कंडोम का प्रयोग करते समय भूलकर भी तेल, कोई भी लोशन या जेली न लगाएं। तेल लेटेक्स को कमजोर कर देता है और कंडोम के फटने की आशंका बढ़ जाती है।
एक ही कंडोम का दोबारा प्रयोग घातक
अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र की ओर से 2017 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में एक तिहाई लोग कंडोम का प्रयोग करते पाए गए और इनमें से बहुत से लोग इसका गलत तरीके से प्रयोग कर रहे थे। सेक्सुअल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट इससे भी दो कदम आगे की बात करती है। इसके अनुसार कंडोम को अपनाने वाले 3.3 प्रतिशत लोग एक ही कंडोम का हफ्ते में दो बार प्रयोग कर रहे थे। इसी को लेकर हाल में वहां के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने चेतावनी जारी की है। इसके अनुसार कंडोम के दोबारा प्रयोग के समय लेटेक्स कमजोर हो गया रहता है। इस दौरान इसके रिसने या फटने का खतरा बना रहता है। इससे सेक्स के दौरान संक्रमण फैलने या गर्भधारण का खतरा बढ़ जाता है।
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