मुलेठी (Mulethi) गले की खराश और खांसी से दिलाती है छुटकारा
मुलेठी (Mulethi) या मुलहठी सूखी खांसी, गले की खराश और दर्द में रामवाण का कार्य करती है। इसीलिए इसे कोरोना वायरस से लड़ने में भी काफी मददगार माना जा रहा और इसके इस्तेमाल की सलाह दी जा रही है। मुलेठी को आयुर्वेद में यष्टिमधु (Yashtimadhu) भी कहते हैं। यह एक झाड़ीनुमा पौधा है, जिसकी ताजी जड़ें बहुत मीठी होती हैं। इसमें ग्लाइसीमिक एसिड और कैल्शियम की अधिकता पाई जाती है। इसका कई दवा में प्रयोग किया जाता है। मुलेठी की जड़, रस और पाउडर कई बीमारियों से लड़ने में कारगर है, फिर भी इसका रोज नियमित इस्तेमाल के बजाए कभी-कभी प्रयोग की सलाह दी जाती है। इसका ज्यादा सेवन करने से नुकसान भी हो सकता है।
कफ और अस्थमा में राहत
मुलेठी गले में खराश के अलावा गले में जलन और कफ में भी बहुत लाभदायक साबित होती है। थोड़ा मुलेठी पाउडर, थोड़ी दालचीनी और 1/4 चम्मच शहद पानी के साथ मिलाकर लेने से कफ से छुटकारा मिलता है। मुलेठी बैठे गले को भी ठीक करने में कारगर है। मुलेठी के चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर खाएं, बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है। मुलेठी एलर्जिक अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अर्थराइटिस में भी लाभकारी साबित होती है।
मुंह के छालों से निजात
मुलेठी से मुंह के छालों में काफी आराम मिलता है। यह ऐसे छालों (Canker Sores) से भी राहत दिलाती है, जिसमें बीच में लाल और किनारे सफेद या पीला घेरा जैसा बना होता है। यह बहुत कष्टकारी होता है। मुलेठी का पानी या चाय पीने से 3 दिन में ये छाले पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। मुलेठी चूर्ण में शहद मिलाकर इसका मुंह के छालों पर लेप करें। इस दौरान लार को नीचे टपकने दें। दिन में 2 बार ऐसा करने से छाले जल्द ठीक हो जाते हैं। मुलेठी के सेवन से मांसपेशियों में दर्द से आराम मिलता है।
इम्युनिटी बढ़ाए, पाचन सुधारे
मुलेठी से शरीर की इम्युनिटी यानि प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। इसके इस्तेमाल से मैक्रोफेज और लिम्फोसाइट्स के उत्पादन में वृद्धि होती है। यह माइक्रोबियल इंफेक्शन को रोकने का काम करता है। इसके अलावा शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। इसके इस्तेमाल से पेट में कब्ज, एसिडिटी और जलन की समस्या कम होती है। मुलेठी पेशाब और सीने में जलन तथा पेप्टिक अल्सर में भी कारगर है। इससे सेवन से फैटी लिवर वाले मरीजों को भी काफी राहत मिलती है।
त्वचा पर चमक बढ़ाए, वजन कम करे
मुलेठी त्वचा के बैक्टीरिया को खत्म करने का काम करती है। इससे त्वचा मुलायम बनी रहती है। 1 टीस्पून मुलेठी पाउडर और 1 टीस्पून चंदन की लकड़ी का पाउडर लें। अब एक बाउल में थोड़ा दूध लेकर इन्हें अच्छी तरह से मिक्स कर लें। फिर इसे ब्रश की सहायता से फेश पैक के तौर पर लगाएं। करीब 20 मिनट के बाद ठंडे पानी से चेहरे को धो दें, त्वचा पर चमक खुद-ब-खुद नजर आएगी। मुलेठी के सेवन से बढ़ा वजन भी कम होता है। मुलेठी का स्वाद भूख को कम कर देता है। इसकी वजह से व्यक्ति बार-बार नहीं खाता है और वजन घटता है।
अनियमित पीरियड से मुक्ति
मुलेठी के सेवन से अनियमित पीरियड्स से छुटकारा मिलता है। इससे हॉट फ्लैश की आवृत्ति से भी राहत मिलती है। पीरियड्स से पहले की दिक्कतों में भी मुलेठी बहुत लाभकारी है। इससे मतली आने और पेट में मरोड़ की दिक्कत से आराम महसूस होता है। जिन पुरुषों को पौरुषत्व की कमी का अहसास होता है, उन्हें भी मुलेठी का इस्तेमाल करना चाहिए।
इन बातों का ध्यान दें
- मुलेठी का प्रतिदिन 10 ग्राम से ज्यादा इस्तेमाल किसी भी सूरत में नहीं करना चाहिए। बच्चों को रोज 1.5 ग्राम तक तथा बड़ों को 3 ग्राम तक मुलेठी लेना आदर्श माना जाता है।
- इसके ज्यादा सेवन से हाई ब्लड प्रेशर, खून में पोटैशियम की कमी और सोडियम का स्तर बढ़ने समेत और भी कई दिक्कतें बढ़ जाती हैं।
- लगातार चार हफ्ते से ज्यादा मुलेठी का सेवन नहीं करना चाहिए। दिन में 2 बार गुनगुने पानी या दूध के साथ इसे लेना सबसे बेहतर होता है।
- आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के अनुसार गर्भावस्था के दौरान मुलेठी का सेवन नहीं करना चाहिए। स्तनपान वाली महिलाओं को भी किसी भी सूरत में रोज 6 ग्राम से अधिक मुलेठी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- मुलेठी के सेवन के दौरान किसी भी तरह की एलर्जी होने पर इसका इस्तेमाल तत्काल बंद कर देना चाहिए। जरूरत हो तो डॉक्टर की भी सलाह ली जा सकती है।
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