16 और 70 वर्ष की उम्र वाले सबसे ज्यादा खुश

16 और 70 वर्ष की उम्र में व्यक्ति सबसे अधिक खुश रहता है। यह खुलासा हुआ है लंदन में हाल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में। रिपोर्ट कहती है कि सबसे अधिक खुशी, आत्म-संतुष्टि और खुद पर गर्व करने की भावना या तो जीवन के शुरुआती वर्षों में आती है या वृद्धावस्था में।

लंदन का जीडब्ल्यूबी पैमाना

ऑफिस फॉर नेशनल स्टेटिस्टिक्स की ओर से लंदन में सात वर्षों के अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष रेसोल्यूशन फाउंडेशन पेपर में प्रकाशित किया गया है। 2010 में प्रधानमंत्री डेविड कैमरून के कार्यकाल में इस अध्ययन का प्रस्ताव बनाया गया था। तब कैमरून ने कहा था कि जीवन पैसों से बढ़कर है। यह समय जीडीपी (GDP : Gross domestic product) यानि सकल घरेलू उत्पाद के बजाय जीडब्ल्यूबी (GWB : General well-being) यानि सबकी भलाई का है।

30 से 35 वर्ष के बीच खुशी कम

रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार व्यक्ति के अंदर जीडब्ल्यूबी यानि खुशी का भाव 20 की उम्र तक बढ़ता हुआ दिखता है, लेकिन 30 से 50 तक की उम्र के दौरान इस भावना में गिरावट आती है। फिर जब व्यक्ति 70 की उम्र में पहुंचता है तो यह ग्राफ काफी ऊपर की तरफ चला जाता है। नया अध्ययन कहता है जीडब्ल्यूबी इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति का स्वास्थ्य कितना अच्छा है, उसकी नौकरी और उसके जीवन साथी की क्या स्थिति है। इसके अलावा इस पर उम्र, आय और व्यक्ति के निवास स्थान आदि का भी काफी फर्क पड़ता है।

भारत के लिए राहतकारी

नया अध्ययन भारत की स्थिति भले ही बयान न करता हो पर यह इसके लिए काफी राहतकारी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में 5 करोड़ लोग अवसाद (Depression) से पीड़ित हैं। अवसाद की स्थिति में व्यक्ति खुद को खत्म करने के बारे में तक सोचने लगता है। हाल के दिनों में यह प्रवृत्ति और बढ़ी है। 2017 में हुए एक अध्ययन में देश के 65 प्रतिशत युवाओं में अवसाद के शुरुआती लक्षण पाए गए थे। इन सभी युवाओं की उम्र 22 से 25 वर्ष थी। अब लंदन की रिपोर्ट अपने देश के किशोरों और बुजुर्गों के लिए एक नई उम्मीद जरूर बंधा गई है।

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