महुआ (Mahuwa) गठिया और डायबिटीज में भी है बहुत लाभकारी

महुआ (Mahuwa) बहुत ही प्राचीन समय से समाज का हिस्सा रहा है। यह कई तरह से खाने में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, कैल्शियम, विटामिन A और विटामिन C पाया जाता है। महुए की छाल, फल, फूल, पत्तियां, तना आदि सब उपयोगी है। इनका औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। महुए का रस निकालकर उसकी पूरी भी बनाई जाती है। इसके लाभ के चलते इसे जानवरों को भी खिलाया जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार इसके नियमित और संतुलित सेवन से डायबिटीज और गठिया समेत कई बीमारियों में काफी लाभ मिलता है।

डायबिटीज

महुआ की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से शुगर लेवल नियंत्रित करने में मदद मिलती है। हालांकि ब्लड शुगर के मरीजों को महुआ के सेवन से बचना चाहिए।

कोलेस्ट्रॉल

महुआ की छाल का रस का इस्तेमाल करने से बुखार में काफी आराम मिलता है। कोलेस्ट्रॉल घटाने के लिए बहुत से लोग महुआ के बीजों के तेल का इस्तेमाल करते हैं।

महुए के पेड़ पर इसके फूल गुच्छों में लोगों को काफी लुभाते हैं।

गठिया

महुआ की छाल को पीस लें। अब उसका गर्म लेप बनाकर लगाएं। काफी लाभ महसूस होगा। महुआ के बीजों को लेकर उनका तेल निकाल लें। अब दर्द वाली जगह पर उसकी मालिश करें, काफी राहत मिलेगी। महुआ के तेल का इस्तेमाल करने से सिरदर्द में भी आराम मिलता है।

खुजली या एलर्जी

महुआ की पत्तियों को तिल के तेल के साथ गर्म कर लें। फिर इसका लेप एग्जिमा, एलर्जी या खुजली वाली जगह पर लगाएं। काफी राहत मिलेगी। महुआ को दूध में डालकर इस्तेमाल करने से खांसी में भी लाभ होता है।

बवासीर

महुआ के फूलों को घी के साथ भून लें। फिर इसका नियमित रूप से सेवन करें, बवासीर में काफी आराम मिलेगा। दूध के साथ महुआ का सेवन करने से हाइपरटेंशन की दिक्कत दूर होती है।

दांत दर्द

महुआ की छाल को पानी के साथ पीस लें। फिर इससे दर्द वाले स्थान पर लगाएं। काफी राहत मिलेगी। महुआ की दातुन करने से भी मुंह की दुर्गंध और दांतों की सड़न दूर होती है। सांस की बीमारी वाले मरीजों को महुआ के फूलों के रस का सेवन करना चाहिए।

एसिडिटी

महुआ की छाल का चूर्ण बनाकर रख लें। अब रोज थोड़े-थोड़े चूर्ण को दूध में उबालकर इस्तेमाल करें। पेट में कब्ज और एसिडिटी की समस्या से राहत मिलती है। अल्सर के मरीजों को महुआ का इस्तेमाल करना चाहिए।

इनफर्टिलिटी

महुआ के सूखे फूलों को दूध में उबालकर पीने से पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या दूर होती है। साथ ही, स्पर्म काउंट बढ़ता है। नसों की कमजोरी दूर करने में भी यह सहायक होता है। बहुत ज्यादा मात्रा में महुआ का इस्तेमाल न करें, इसका नुकसान हो सकता है।

महिलाओं के लिए
जिन माताओं को बच्चा पैदा होने के बाद दूध की कमी के कारण ब्रेस्टफीडिंग में दिक्कत आती है, उनको महुए के फूलों का सेवन करना चाहिए।

0.00 avg. rating (0% score) - 0 votes
0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply

Your email address will not be published.