लंबी जिंदगी चाहते हैं तो डॉगी रखें
अगर लंबी जिंदगी चाहते हैं तो घर में डॉगी जरूर रखें। यह खासकर उन लोगों के लिए और जरूरी है, जो कभी न कभी हार्ट अटैक या स्ट्रोक का शिकार हो चुके हैं। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) के एक जर्नल में हाल में प्रकाशित दो अध्ययनों में इन बातों का खुलासा किया गया है। इन रिपोर्ट के अनुसार डॉगी स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देने में कई तरह से मददगार साबित होते हैं।
33 फीसदी तक मौत का खतरा कम
Circulation : Cardiovascular Quality and Outcomes में प्रकाशित पहली रिपोर्ट स्वीडन से जुड़ी हुई है। इसके लिए 1 लाख 82 हजार ऐसे लोगों का ब्योरा लिया जो हार्ट अटैक से ग्रस्त रह चुके थे। इसी तरह 1 लाख 55 हजार अन्य लोगों से जुड़ी जानकारी जुटाई गई, जो कभी न कभी स्ट्रोक से पीड़ित रह चुके थे। जब इन लोगों से जुड़े आंकड़ों की डॉग न रखने वाले लोगों के आंकड़ों से तुलना की गई तो चौंकाने वाले नतीजे सामने आए। इसके अनुसार ऐसे लोग जो अकेले रह रहे थे और उनके पास डॉगी था, उन्हें हार्ट अटैक से अस्पताल में भर्ती होने के बाद मौत का खतरा उन लोगों से 33 फीसदी कम था, जिनके पास डॉग नहीं था। डॉग रखने वाले ऐसे लोग जिनके साथ कोई पार्टनर या बच्चा भी था, उनमें मौत का खतरा 15 फीसदी कम पाया गया।
इसी प्रकार स्ट्रोक पीड़ितों में भी ऐसे ही लाभ देखने को मिला। ऐसे लोग जो अकेले रह रहे थे और उनके पास डॉग था, उनमें स्ट्रोक के बाद अस्पताल में भर्ती होने पर मौत का खतरा 27 फीसदी कम मिला। किसी पार्टनर या बच्चे के साथ रहने वाले ऐसे लोगों में मौत की आशंका 12 प्रतिशत कम पाई गई।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
सहायक अध्ययनकर्ता, पशु चिकित्सक और स्वीडन की उप्साला यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. टाव फॉल कहते हैं कि “हम जानते हैं कि अलगाव खराब स्वास्थ्य का मुख्य कारण है।” उनके अनुसार “डॉग रखने वालों को शारीरिक गतिविधियों के लिए प्रेरणा मिलती रहती है। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अति लाभकारी सिद्ध होता है।”
हृदय रोग की आशंका कम
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित दूसरी रिपोर्ट के अनुसार डॉग रखने वाले लोगों में किसी भी कारण से मौत का खतरा 24 फीसदी कम होता है। इसी प्रकार हार्ट अटैक की आशंका 65 प्रतिशत और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा 31 प्रतिशत कम हो जाता है। सहायक अध्ययनकर्ता और सिनोई अस्पताल, टोरंटो की साइंटिस्ट कैरोलिन क्रेमर के अनुसार खुद डॉग रखने के दौरान मैंने पाया कि इससे मेरी शारीरिक गतिविधियां बढ़ गईं और मेरा जीवन खुशियों से भर गया।
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