सिर्फ दिमाग को साधिए, कुछ और की जरूरत ही नहीं

मेडिटेशन के बाद एक बार भगवान बुद्ध से पूछा गया कि इससे आपको क्या मिला? उनका सहज जवाब था “कुछ नहीं, हां मैंने खोया जरूर है-गुस्सा, चिंता, असुरक्षा, अवसाद, और वृद्धावस्था व मौत से डर। 

हमारा दिमाग बहुत ताकतवर है, जब हम इसे सकारात्मक विचारों से भरते हैं, तो जिंदगी में क्रांतिकारी बदलाव सामने आने शुरू हो जाते हैं। ये सकारात्मक विचार आते हैं मेडिटेशन (Meditation) से। मेडिटेशन एक तरह की खामोशी की स्थिति है, जो हमें असीम ऊर्जा से भर देती है। इससे आप मानसिक और शारीरिक दोनों तौर पर बराबर मजबूत होते हैं।

अमेरिका समेत पश्चिम के तमाम देेेश भी अब यह मानने लगे हैैं कि मेडिटेशन से सिर्फ सोच ही नहीं जिंदगी के प्रति पूरा नजरिया बदल जाता है। यह किसी भी निर्धारित धर्म से नहीं जुड़ा है। इसे आप कभी भी, कहीं भी कर सकते हैं। इसके लिए कोई पैसा खर्च नहीं करना पड़ता है। बेहतर मेडिटेशन के लिए अगर किसी एप या गाइड का सहारा लेते हैं तो ही कुुुछ पैसे चुकाने पड़ सकते हैं।

चिंता और तनाव से मुक्ति

नियमित और लंबे समय के मेडिटेशन से धैर्य, सहनशीलता और रचनात्मकता का विकास होता हैै। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैनफ्रांसिस्को के अध्ययन में यह सामने आया है कि इससे अवसाद और तनाव कम होने के साथ ही व्यसन से जुड़े व्यहार (Addictive behaviors) घटते जाते हैं। इसकेे अलावा आलोचना के तौर-तरीके में भी बदलाव आता हैै। अमेरिका के ही याले की एक रिसर्च के अनुसार मेडिटेशन दिमाग में भ्रमण कर रहे ऐसे विचारों को रोकता हैै, जो हमारी चिंता और दुख का कारण बनते हैं। इसके बाद आप किसी विषय पर अच्छे से ध्यान केंद्रित कर पाते हैं।

बड़ी बीमारियों से राहत

मेडिटेशन कई बीमारियों में दवा से अधिक कारगर है। नियमित मेडिटेशन करने वालों को कैंसर, उच्च रक्तचाप, दर्द, दिल की बीमारी और अस्थमा होने की आशंका न के बराबर होती है। ऐसे लोगों में वजन बढ़ने का खतरा भी नहीं रहता है। उन्हें रात को अच्छी नींद आती है, फलस्वरूप दिन में थकान महसूस नहीं होती। नई ऊर्जा से भरपूर रहने से चेहरे पर चमक बनी रहती है। शरीर का तेज दूर से ही दूसरों को प्रभावित करता है। ऐसे लोगों में जल्द बुढ़ापा नजर नहीं आता है।

ऐसे करें मेडिटेशन

दो तरीके का मेडिटेशन ज्यादा पॉपुलर और प्रभावी है। पहली विधि सांस और दूसरी दिमाग पर केंद्रित है। मेडिटेशन 2 से 5 मिनट तक शुरू कर इसे लंबे समय तक बढ़ा सकते हैं। कारगर मेडिटेशन के लिए इन टिप्स से आगे बढ़ सकते हैैं :

1. सबसे पहले किसी तख्त या बराबर स्थान पर बैठ जाएं। फिर 5 मिनट तक सिर्फ अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। दिमाग में तरह-तरह के विचार आते रहेंगे, पर उन पर ध्यान न दें।

2. अब एक दृश्य चित्र बनाएं। ऐसा लगना चाहिए कि आप बाहर से अपने शरीर को देेेख रहे हैं। इसके अलावा और कुुुछ मत सोचें।

3. दो स्टेप के बाद आपको खुद को एक काल्पनिक दुनिया में ले जाना होगा। ऐसा महसूस करें कि आपका शरीर एक विशालकाय खोखला केंद्र है और इसमें आपकी सारी चिंताएं, दुख और भावनाएं समाती जा रही हैं। इसके बाद धीरे-धीरे सांस छोड़ें। यह सोचें कि जितनी चीजें आपके अंदर समाई थीं, उन्हें आजाद कर रहे हैं। इस पूरी प्रकिया को 5 मिनट तक करना बेहतर होता है।

4. इस आखिरी स्टेज में आपको सांस को ऐसे अंदर खींचनी है, जैसे यह सीधे आपके हृदय में प्रवेश कर रही है। इसके साथ ही यह महसूस करें कि सारी अच्छाइयां, प्यार, समर्पण, सौंदर्य और सपने आपके अंदर समा रहे हैं।

इन सबके बाद चेहरे पर हंसी का भाव लाएं। आप खुद को इतनी ऊर्जा से भरपूर पाएंगे, जितनी शायद पहले कभी न मिली हो।

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