सब कुछ है, शांति नहीं !! जानें इसे पाने के 10 आसान उपाय
“कोई भी आपको शांति नहीं दिला सकता, सिवाय आपके खुद के।”
-राल्फ वाल्डो इमर्सन
“आप अगर अपने अंदर शांति नहीं पा सकते तो इसे और कहीं नहीं पाएंगे।”
-मार्विन गे
आंतरिक शांति (Inner Peace) खुशी और सफलता से भी बढ़कर है। इसके बिना कितनी भी बड़ी शोहरत और कामयाबी व्यर्थ साबित होती है। सवाल यह है कि आंतरिक शांति मिलेगी कैसे ? क्या इसे हासिल करने के लिए कुछ कठोर क्रिया की जरूरत है ? उत्तर एकदम आसान है-जिसने अपने को संतोषी, सुरक्षित, आत्मविश्वासी और परोपकारी बना लिया, उसे आंतरिक शांति हासिल करने से कोई रोक नहीं सकता। इन 10 आसान क्रियाओं को अपनाएं-
1. अपनी इच्छाएं सीमित करें
दुनिया में सुखी व्यक्ति वह नहीं है, जिसके पास पैसे ज्यादा हैं या घर, गाड़ी, बंगला या नौकर अधिक हैं बल्कि वह है जिसकी इच्छाएं सीमित हैं। आंतरिक शांति भी ऐसे ही व्यक्ति को नसीब होती है। इसीलिए काल्पनिक और गैर-जरूरी इच्छाओं से ऊपर उठने की आदत डालें। भौतिक इच्छाओं की अधिकता गलत रास्तों पर ले जाती है।
2. सीमा का निर्धारण जरूरी
अपनी जिंदगी में वरीयता तय करें। मसलन आपको रोज 15 ईमेल और 20 मैसेज आते हैं तो यह तय करें कि किन्हें सबसे पहले देखना चाहिए और किन्हें देखने की जरूरत भी नहीं है। इसी तरह फेसबुक, ट्विटर या इंस्टाग्राम पर व्यस्त रहने वाले समय पर लिमिट लगाएं। अनावश्यक फोन कॉल्स से बचें। अन्य कार्यों में भी यह नियम लागू करें।
3. आसान लक्ष्य चुनें
दिशाहीन जिंदगी हमेशा विफलता का कारण बनती है, इसलिए सबसे पहले अपने लक्ष्य तय करें। वैसे लक्ष्य नहीं होने चाहिए जिन्हें हासिल न किया जा सके। छोटे लक्ष्य को भेदते हुए बड़े की तरफ बढ़ें। अगर तत्काल कोई लक्ष्य समझ में न आए तो कुछ इस तरह के संकल्प लें – एक माह में मुझे अपना वजन कम कर लेना है, आज मैं 2 पौधे लगाऊंगा, शाम तक गार्डन के सारे पौधों को पानी देना है, कल शिविर में जाकर मुझे रक्तदान करना है। ऐसा करने से आपको परम आंतरिक शांति मिलेगी और तनाव दूर होगा।
4. सही-गलत की जिम्मेदारी लें
अगर आप कोई काम करते हैं और उसमें सफलता मिलती है तो आपको खुशी होती है। इसकी औरों द्वारा प्रशंसा भी होती है। यह काम अगर सफल नहीं हुआ तो भी इसकी जिम्मेदारी आपको स्वयं लेनी चाहिए। इससे आपको दुख पहुंचने के बजाए इसे अगली बार से और सुधारने का आत्मबल मिलता है। इससे आपमें जवाबदेही का भी बोध होता है।
5. सकारात्मक सोचें
सकारात्मक सोच आत्मिक शांति के साथ-साथ विकास के मार्ग प्रशस्त करती है। यह सोच व्यक्ति को ऊर्जा से भरपूर रखती है। अपने दिमाग से नकारात्मक विचारों को बाहर निकालें। प्रेरक और कोई भी धार्मिक साहित्य पढ़ने से सकारात्मक विचार आते हैं। इसके विपरीत भड़काऊ या हिंसात्मक साहित्य लगातार पढ़ने या वीडियो देखने से उसी तरह की अवधारणा बनने लगती है।
6. सामाजिक दायरा बढ़ाएं
यह कई रिसर्च में साबित हो चुका है कि अकेलेपन से अवसाद बढ़ता है। जिस व्यक्ति के जितने अधिक दोस्त होते हैं वो उतना ही अधिक खुद को आश्वस्त महसूस करता है, बशर्ते ये दोस्त सकारात्मक विचार वाले हों। सामाजिक दायरा बढ़ने से आप दूसरों के सुख-दुख में शरीक होते रहते हैं। इससे आपको कभी अकेलापन महसूस नहीं होता है। परोपकार के कार्यों में खुद के शामिल करने से भी शांति मिलती है।
7. वर्तमान पर ध्यान
भविष्य के बारे में सोचना अच्छी बात है, पर आपके किसी भी काम का फोकस वर्तमान होना चाहिए। ऐसे लोग बहुत कम अशांत रहते हैं। अपने हर दिन के काम का विश्लेषण करें और आगे बढ़ें। आपको अगले दिन उस काम में खुद सुधार नजर आएगा। इस बात का ध्यान रखें कि जो भी आप करने जा रहे हैं उसमें कोई संदेह की स्थिति तो नहीं है या कि वह असुरक्षित तो नहीं है।
8. पूरी नींद लें
अगर आप अपने को शांतचित्त और ऊर्जा से भरपूर रखना चाहते हैं तो रात को पर्याप्त नींद लें। इसके लिए 6 से 8 घन्टे की नींद पर्याप्त मानी जाती है। ऐसे लोगों की दिन की शुरुआत अच्छी होती है। वो दिनभर खुद को तरोताजा महसूस करते हैं। सामाजिक अध्ययनकर्ताओं के अनुसार पर्याप्त नींद व्यक्ति को तनावमुक्त बनाती है।
9. इन क्रियाओं का सहारा लें
तनाव दूर करने के लिए कुछ रिलेक्स देने वाली क्रियाएं भी अपनानी चाहिए। जैसे साइकिलिंग, तैराकी, योग आदि। इनसे शरीर की पूरी एक्सरसाइज होती है। साथ ही, मांसपेशियों और हड्डियों में मजबूती आती है। इन क्रियाओं से कई बीमारियां भी अपने आप दूर हो जाती हैं। इनसे बेहद आत्मिक शांति प्राप्त होती है।
10. प्रकृति के करीब जाएं
अपना ज्यादा से ज्यादा समय प्रकृति के करीब बिताएं। अगर यह संभव न हो तो सुबह-शाम सैर के लिए जरूर समय निकालें। यह सैर किसी खुले पार्क या गार्डन में हो तो ज्यादा बेहतर है। खुद का ध्यान दूर प्राकृतिक नजारे पर केंद्रित करने से भी शांति महसूस होती है। इसके अलावा मेडिटेशन शांति हासिल करने का एक और कारगर जरिया है। अगर यह प्राकृतिक वातावरण में हो तो और भी बेहतर है।
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