क्या काला अंगूर ज्यादा फायदेमंद है ?
फल प्रेमियों में यह आज भी सवाल बना हुआ है कि काला (Black) और हरा (Green) में से कौन सा अंगूर (Grapes) ज्यादा फायदेमंद है? आहार विशेषज्ञों के अनुसार दोनों रंग के अंगूर के समान फायदे हैं। यद्यपि काला अंगूर लोगों को ज्यादा आकर्षित करता है। अंगूर में पोषक तत्व, विटामिन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा पाई जाती है, इसलिए इनके सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के साथ-साथ कई बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है।
कैंसर और डाइबिटीज में मदद
अंगूर में पोलीफेनॉल्स की मात्रा ज्यादा पाई जाती है। ये अंगूर के छिलके से लेकर अंदर तक मौजूद होते हैं। अल्जाइमर, डाइबिटीज, कैंसर और फेफड़े आदि की बीमारियों को रोकने में यह काफी सहायक साबित होता है। अंगूर में विटामिन K पाया जाता है। इससे हड्डियों को ताकत मिलती है और उनकी बनावट में काफी सुधार आता है।
बुढ़ापा के लक्षण जल्द न आने दे
अंगूर में एक ऐसा पोलीफेनल पाया जाता है, जो व्यक्ति के अंदर जल्द बुढ़ापे के लक्षण आने से रोकता है। इसे रेसवेराट्रॉल (Resveratrol) भी कहा जाता है। यह कोशिकाओं को नया जीवन देता है। अंगूर के सेवन से त्वचा का रुखापन दूर होता है। इससे दिमाग से जुड़ीं गतिविधियों को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
ब्लड प्रेशर कम करे
एक रिसर्च में यब पाया गया कि जो लोग नियमित तौर पर अंगूर का सेवन कर रहे थे, उनका कोलेस्ट्रॉल घटा हुआ था। अंगूर में पाया जाने वाला पोटैशियम ब्लड प्रेशर के स्तर को न सिर्फ नियंत्रित करता है, बल्कि घटाता है। इस तरह अंगूर हृदय संबंधी रोगों से लड़ने में मदद करता है।
ब्लड शुगर घटाता है
अंगूर में पाया जाने वाला रेसवेराट्रॉल नामक पोलीफेनल ब्लड शुगर को घटा देता है। 151 ग्राम अंगूर में 1.4 ग्राम फाइबर की मात्रा पाई जाती है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखता है। टाइप 2 डाइबिटीज के मरीजों के लिए अंगूर बहुत ही लाभकारी माना जाता है। यह रक्त को शुद्ध करने का काम भी करता है।
आंख की बीमारियों को रोके
अंगूर में रेसवेराट्रॉल समेत अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो रेटिना की कोशिकाओं को अल्ट्रा वायलेट किरणों से बचाते हैं। ग्लूकोमा और कैटरेक्ट पीड़ितों को अंगूर का सेवन जरूर करना चाहिए। इससे पाचन तंत्र और रक्त संचार में भी काफी सुधार आता है।
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