अगर दिन में ज्यादा नींद आती है तो सावधान हो जाएं
अगर आपको दिन में ज्यादा नींद आती है, थकान महसूस होती रहती है और याद की हुईं बातें भूल जाती हैं तो आपको अभी से सावधान हो जाने की जरूरत है। दरअसल यह संकेत है कि कहीं आप खर्राटे (Snoring) की बीमारी से पीड़ित तो नहीं हैं। ऐसी स्थिति में आपको अनिद्रा, उच्च रक्तचाप, एसिडिटी, अवसाद और अल्सर जैसे रोग का सामना करना पड़ सकता है।
समस्या ऐसे है गंभीर
गले की श्वास नली में सिकुड़न से खर्राटे की बीमारी होती है। इस बीमारी से पीड़ित बहुत से लोग हैं यह मानने को तैयार नहीं होते कि उनको यह समस्या है। कनाडा की एक रिपोर्ट के अनुसार 40% पुरुषों के अलावा 25% महिलाएं नियमित तौर पर खर्राटे लेती हैं। यूनाइटेड किंगडम में तीन करोड़ लोग इस बीमारी के शिकार हैं। एक सर्वे के मुताबिक 12% लोग अपने पार्टनर से सिर्फ इसलिए अलग सोते हैं कि वे खर्राटे भरते हैं।
पहचानें इस बीमारी को
अपने पार्टनर को आगाह करें कि वह आपको आपके खर्राटे के बारे में बताए। स्नोरिंग ऐप के माध्यम से भी आप रात के खर्राटे रिकॉर्ड कर सुबह सुन सकते हैं। कई ऐप इससे बचाव के टिप्स भी बताते हैं। रात की नींद को लेकर एक चार्ट भी बना सकते हैं। इसमें यह रोज भरें कि कितने घंटे बिना ब्रेक के नींद ली। इसमें ब्रेक ज्यादा है तो समझिए आपको खर्राटे की बीमारी है। अगर कोई व्यक्ति दांत पीसता है या मुंह से सांस लेता है तो उसे खर्राटे की दिक्कत हो सकती है।
नींद उड़ा देती है यह बीमारी
जिनको खर्राटे की दिक्कत ज्यादा है, उसे स्लीप एपनिया (Sleep Apnea) बीमारी का शिकार माना जाता है। ऐसे लोगों को रात में कई बार सांस नहीं आती है। इससे ऑक्सीजन शरीर और दिमाग तक नहीं पहुंच पाती। ऐसे व्यक्ति अनिद्रा का शिकार होते हैं और रात को ठीक से सो नहीं पाते, इसलिए उन्हें दिन में नींद आती रहती है। इससे व्यक्ति का स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है और वह हमेशा तनाव में दिखता है। अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी के स्लीप डिसऑर्डर केंद्र के निदेशक रोनाल्ड चेरविन इसे मेंटल डिसऑर्डर की संज्ञा देते हैं।
बचाव के तरीके
- एक ही मुद्रा में सोने से बचें। करवट सोएं तो ज्यादा बेहतर है। पीठ के बल सोने वालों को खर्राटे की दिक्कत ज्यादा होती है।
- सिर ऊंचा कर सोएं। ऐसे गद्दे भी आते हैं जो खर्राटे की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए खास तौर पर बनाए जाते हैं, उसका इस्तेमाल करें।
- धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन त्याग दें।
- मोटे लोगों में खर्राटे की बीमारी ज्यादा पाई जाती है, इसलिए अपना वजन घटाएं।
- नियमित तौर पर नाक की सफाई करें।
- ठंडी चीजें खाने से बचें और मन-मस्तिष्क को शांत रखें।
- कम भोजन लें और रात को देर तक जगने से बचें।
- दो-तीन चम्मच शहद का रोज सेवन करें।
- अनुलोम-विलोम और प्राणायाम से भी खर्राटे कम होते हैं।
- लहसुन को सरसों के तेल में गर्म कर सीने और गले पर लगाने पर भी खर्राटे से राहत मिलती है।
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