हड्डी के मरीज हैं तो जरूर खाएं काले
काले (Kale) दुनिया में पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियों (Vegetables) में से एक है। यह सब्जी कैबेज (गोभी) फेमिली से जुड़ी हुई है। इसे पत्ता गोभी के नाम से भी जाना जाता है। इसकी पत्तियां चिकनी और घुंघराली (Curly) होती हैं। यह हरे और बैंगनी दोनों रंगों में मिलती है। कैल्शियम की कमी वाले मरीजों खासकर हड्डी के मरीजों को इसका सेवन जरूर करना चाहिए, क्योंकि इसमें कैल्शियम और विटामिन C पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा इसमें विटामिन A, विटामिन B6, विटामिन K, मैग्नीज, पोटैशियम और कॉपर पाया जाता है। ये सारे तत्व शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होते हैं।
पालक से 4.5 गुना ज्यादा विटामिन C
काले में पालक के मुकाबले विटामिन C की मात्रा 4.5 गुना ज्यादा पाई जाती है। 100 ग्राम काले में करीब 120 मिलीग्राम विटामिन C मौजूद होता है। अमेरिका के ऑफिस ऑफ डाइट्री सप्लीमेंट्स के अनुसार एक औसत पुरुष को रोज 90 मिलीग्राम विटामिन C की जरूरत होती है, जबकि महिला को 75 मिलीग्राम की आवश्यकता होती है। काले में पाया जाने वाला विटामिन K भी हड्डियों के लिए काफी लाभकारी होता है। जो लोग विटामिन K कम लेते हैं, उनकी हड्डियों में फ्रैक्चर की आशंका ज्यादा होती है।
पोटैशियम हृदय रोग से बचाए
हृदय से जुड़ी बीमारियों से बचने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर आहार में पोटैशियम की मात्रा बढ़ाने और सोडियम की मात्रा घटाने की सलाह देते हैं। काले में पोटैशियम की मात्रा बहुत ज्यादा पाई जाती है। एक कप पके हुए काले में 296 मिलीग्राम पोटैशियम होता है। अमेरिकी विशेषज्ञों के अनुसार हर व्यक्ति को रोज 4,700 मिलीग्राम पोटैशियम जरूर लेना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में पोटैशियम लेने वालों को स्ट्रोक और किडनी की पथरी होने का खतरा कम होता है। काले के सेवन से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है।
डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद
काले टाइप-1 डायबिटीज और टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है, क्योंकि इसमें फाइबर होता है। एक कप पके काले में करीब 2.6 ग्राम फाइबर पाया जाता है। सेहत एक्सपर्ट्स के अनुसार 18 वर्ष से ऊपर हर व्यक्ति को रोज 25 से 34 ग्राम तक फाइबर लेना चाहिए। काले में अल्फा लिपोइक एसिड नामक एंटीऑक्सीडेंट्स पाया जाता है। यह शरीर से ग्लूकोज का स्तर घटाने का काम करता है। काले का जूस भी ब्लड शुगर को नियंत्रित करने का काम करता है।
कैंसर की आशंका कम करे
अमेरिका में काले पर किए गए एक अध्ययन में नतीजे चौंकाने वाले आए। इसके अनुसार जिन महिलाओं ने युवावस्था में काले का सेवन किया था, उनको मध्य आयु या वृद्धावस्था में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा कम था। दरअसल काले अन्य क्रुसिफेरस सब्जियों जैसे ब्रोकली और गोभी आदि की तरह शरीर में कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में सहायक है। कैंसर पर की गई एक रिसर्च के अनुसार कच्चे काले का सेवन पके हुए काले से बेहतर होता है।
जलन से मुक्ति, पाचन में सुधार
काले में पानी की मात्रा भी बहुत होती है। इसके अलावा इसमें मौजूद फाइबर कब्ज और पेट की जलन कम करने के साथ ही पाचन सुधारने में मददगार होता है। काले आंखों के लिए भी काफी लाभकारी है। इसमें पाए जाने वाले ल्युटिन के चलते इससे आंखों की रोशनी कम होने से बचाने में मदद मिलती है। काले में बहुत कम फैट होता है। यह वजन घटाने में भी कारगर है।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!