गर्दन में दर्द है तो पेट के बल कभी न सोयें
अगर आप गर्दन में दर्द की समस्या से परेशान हैं तो कुछ सावधानियां बरतकर आप इससे छुटकारा पा सकते हैं। सबसे पहले तो पेट के बल सोना छोड़ दें, खासकर रात में। डॉक्टरों के अनुसार जब व्यक्ति पेट के बल सोता है तो घन्टे-दो घन्टे पर अपना सिर घुमाता रहता है। बराबर ऐसा करने से गर्दन में दर्द की समस्या और बढ़ जाती है। पेट के बल सोने से पीठ दर्द भी और गंभीर होता जाता है। इसलिए हमेशा या तो पीठ के बल या करवट सोयें।
क्यों उठता है दर्द
दिनभर कंप्यूटर पर काम करने, ज्यादातर समय स्मार्टफोन पर बिताने या लगातार कई घन्टे ड्राइविंग करने से यह दिक्कत शुरू होती है। अगर यह आपकी रोज की दिनचर्या में शामिल है तो एक न एक दिन गर्दन में दर्द उठ सकता है। ऐसा करने वालों की गर्दन के जोड़ अपनी जगह से इधर-उधर हो जाते हैं। इससे मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। जब हम अपनी गर्दन घुमाते हैं तो जोड़ आसानी से घूम नहीं पाते, क्योंकि वो अपनी जगह से हिले हुए होते हैं। इस तरह यह स्थिति बराबर दर्द का कारण बन जाती है। कई बार यह दर्द इतना तेज हो जाता है कि हिलना-डुलना तक मुश्किल हो जाता है। ज्यादा भारी सामान उठाने या चोट लगने पर भी गर्दन में दर्द शुरू हो सकता है।
राहत के लिए यह भी करें
सुबह-शाम स्ट्रेचिंग
गर्दन दर्द की समस्या में स्ट्रेचिंग का सहारा लिया जा सकता है। अपने कंधे को पीछे की तरफ ले जाएं और उसे नीचे की तरफ छोड़ें। ऐसा 10-10 बार सुबह-शाम करें। अपने दोनों कंधों को आपस में जकड़ें और छोड़ दें। ऐसा कम से कम 5 बार करें। सिर को पीछे की तरफ ले जाकर हाथ से पकड़कर थोड़ी देर रखने और छोड़ने से भी आराम मिलता है।
धीरे-धीरे एक्सरसाइज
धीरे-धीरे एक्सरसाइज करने से गर्दन का दर्द बढ़ता नहीं है। ज्यादा मुड़ने वाला व्यायाम न करें। बैठने-उठने या दाएं-बाएं घूमने वाले एक्सरसाइज ही करें। एक्सरसाइज से पहले गम्भीर आहार न लें। ज्यादा तेल-मसाले वाले भोजन जलन की समस्या बढ़ा देते हैं। इससे दर्द की समस्या बढ़ जाती है, चाहे वह किसी भी तरह का दर्द हो।
गद्देदार बिस्तर का त्याग करें
गद्देदार बिस्तर गर्दन दर्द की दिक्कत को और बढ़ा देता है। दर्द से परेशान लोगों को ऐसे बिस्तर के प्रयोग से बचना चाहिए। चटाई या दरी बिछाकर सोने से काफी राहत रहती है। ऐसे में बिना तकिये का सोना बेहतर होता है। अगर इसके बिना आपको नींद नहीं आती तो गर्दन दर्द को देखते हुए खास तौर पर बनाए तकिये का ही इस्तेमाल करें।
नेक कॉलर ज्यादा देर तक न लगाएं
नेक कॉलर ज्यादा देर तक लगाने से मांसपेशियां कमजोर होती हैं। अगर इसे देर तक लगाना अनिवार्य ही हो तो अपने चिकित्सक से सलाह लेकर आरामदायक और मुलायम नेक कॉलर का उपयोग करना चाहिए। अगर आप सफर में जा रहे हों तो ऐसे रास्तों से बचें, जिनमें गड्ढे ही गड्ढे हों। दर्द बढ़ाने वाली गतिविधियों में शामिल होने से भी बचना चाहिए।
हीट-आइस थेरेपी अपनाएं
हीट थेरेपी यानि पैड से सिंकाई गर्दन दर्द में काफी कारगर होती है। इससे रक्तसंचार सुधरता है और गर्दन की अकड़न कम होती है। दर्द के शुरुआती घण्टों में दिक्कत वाली जगह पर बर्फ रगड़ना ज्यादा बेहतर होता है। इसके कुछ देर बाद ही सिंकाई करनी चाहिए। सफर के दौरान भी इसके लिए इंतजाम कर चलना समझदारी होती है।
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