बार-बार घंटों यूरिन रोकना पड़ सकता है बहुत भारी, ये हैं इसके 5 नुकसान
क्या आप ऑफिस में व्यस्त रहते हुए अक्सर घंटों तक यूरिन रोके रहते हैं? कहीं जाने की जल्दबाजी में यूरिन पास नहीं करते और प्रेशर बनने के बहुत देर बाद टॉयलेट जाते हैं ? क्या बार-बार बिस्तर से उठने या रजाई तथा कार आदि से बाहर निकलने के आलस में भी यूरिन रोके रहते हैं? अगर इन सवालों का उत्तर हां में है तो आप बहुत बड़े खतरे का शिकार हो सकते हैं। दरअसल, एक वयस्क व्यक्ति के ब्लैडर (मूत्राशय) की क्षमता करीब 2 कप यूरिन रोककर रखने की होती है। बच्चों में यह क्षमता इससे भी कम होती है। बार-बार या देर तक यूरिन रोकने (Holding Urine) से दर्द शुरू होने के साथ ही यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) का खतरा बना रहता है। इतना ही नहीं, किडनी की पथरी (Kidney Stone) समेत किडनी फेल (Kidney Failure) होने की आशंका भी मंडराती रहती है। इसके अलावा भी यूरिन रोकने के कई और नुकसान हैं।
1. इंफेक्शन का डर
डॉक्टरों के अनुसार ब्लैडर को हमें समय-समय खाली करते रहना चाहिए। ब्लैडर नियमित तौर पर खाली न करने से बैक्टीरिया को उसमें बने रहने और फैलने का खतरा रहता है। यह खतरा तब भी रहता है, जब आप रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं। इस तरह से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) होने की आशंका बनी रहती है। गर्भवती महिलाओं को इसका खतरा ज्यादा होता है।
2. ब्लैडर फटने की आशंका
लंबे समय तक यूरिन को रोकने से सबसे बड़ा खतरा ब्लैडर फटने का बना रहता है। ब्लैडर फटने के बाद संभव है कि यूरिन पेट में चला जाए। इसके बाद सर्जरी की नौबत तक आ जाती है। हालांकि, ज्यादातर केस में ब्लैडर में फैलाव हो जाता है या मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं। नतीजतन कई बार पैंट या कपड़े गीले होने की नौबत आ जाती है।
3. असहजता और दर्द
देर तक यूरिन रोकने से असहजता तो महसूस होती ही है, किडनी और ब्लैडर में दर्द होने लगता है। यूरिन पास करते वक्त भी जलन जैसी महसूस होती है। यूरिन काफी दुर्गन्धयुक्त होता है। इतना ही नहीं, यूरिन निकलने के बाद मांसपेशियों में खिंचाव भी महसूस होता है। इससे पेट के निचले हिस्से यानि श्रोणि में ऐंठन (Pelvic Cramps) होने लगती है।
4. ब्लैडर का फैलाव
ब्लैडर अगर सही सलामत है तो यूरिन संबंधी दिक्कत बहुत कम होती है। अक्सर ज्यादा देर तक यूरिन रोकने वालों का ब्लैडर लिक्विड भरे होने से फैल जाता है। यूरिन पास करने के बाद भी दोबारा से यह अपने मूल रूप में वापस नहीं लौट पाता और फैला ही रह जाता है। इससे यह कमजोर पड़ जाता है। इससे दिक्कतें बढ़ जाती हैं।
5. किडनी की पथरी
शरीर में स्थित ब्लैडर मूत्रवाहिनी के माध्यम से हमारी किडनी से जुड़ा होता है। यूरिन ज्यादा देर रोकने वालों के कुछ केस में ऐसा होता है कि यूरिन बैक होकर किडनी में वापस आ जाता है। इससे संक्रमण फैलने के साथ ही किडनी डैमेज होने का खतरा होता है। लंबे समय तक यूरिन रोकने से किडनी की पथरी या स्टोन होने की आशंका भी बढ़ जाती है। किडनी की पथरी होने पर पीठ में दर्द महसूस होने लगता है।
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