खुशखबरी : इजरायल के शोधकर्ताओं ने स्किन कैंसर का टीका खोजा
इजरायल स्थित तेल अवीव यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने मेलेनोमा (Melonama) यानि खतरनाक स्किन कैंसर का आसान इलाज खोज लिया है। उनके अनुसार अब इसका इलाज नैनो वैक्सीन (टीके) से हो सकेगा। अभी तक कैंसर, खास तौर से मेलेनोमा के इलाज के लिए सर्जरी, कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी का सहारा लिया जाता रहा है। शोधकर्ताओं का कहना है कि उनकी यह नैनो वैक्सीन कैंसर को रोकने के साथ ही उसके इलाज में पूरी तरह से सक्षम है।
नैनो पार्टिकल मुख्य आधार
अंतरराष्ट्रीय स्तर के जर्नल नेचर नैनोटेक्नोलॉजी में हाल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार शोधकर्ताओं की ओर से ईजाद इस नए टीके का मुख्य आधार नैनो पार्टिकल (छोटे कण) हैं। प्रयोग के दौरान शोधकर्ताओं ने 170 नैनोमीटर आकार के छोटे कणों का इस्तेमाल किया। हर कणों में दो पेप्टाइड्स को शामिल किया गया, जो कि मेलेनोमा कोशिकाओं में पाए जाते हैं। इसके बाद इन नैनो पार्टिकल यानि दवा को मेलेनोमा से ग्रस्त चूहों में इंजेक्शन के जरिए पहुंचाया गया। नतीजे प्रत्याशित तौर पर सकारात्मक मिले।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी
तेल अवीव यूनिवर्सिटी के फिजियोलॉजी और फार्माकोलॉजी विभाग की अध्यक्ष प्रो. साची फेनारो के अनुसार इस टीके को चूहों को लगाने के बाद उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ गई। इससे यह भी साबित हुआ कि अगर इनके शरीर में मेलेनोमा कोशिकाएं उभरती हुई दिखती हैं तो मजबूत प्रतिरोधक क्षमता उन्हें विकसित नहीं होने देगी।
5 से 10 वर्ष में उपलब्ध होंगे टीके
शोधकर्ताओं के अनुसार लोगों तक यह टीका पहुंचने में 5 से 10 वर्ष तक लग जाएंगे। इसके लिए वो एक दवा कंपनी बनाने जा रहे हैं। प्रो. फेनारो के अनुसार इस बीमारी पर रिसर्च ने एक नई तरह की सोच की राह खोली है। अगर सारे प्रयोग सफल रहे तो ये टीके जल्द लोगों के लिए बाजार में उपलब्ध होंगे।
टीम में ये रहे शामिल
शोधकर्ताओं की टीम में प्रो. फेनारो के अलावा प्रो. हेलेना फ्लोरिन्डो, डॉ. अन्ना सोकपरिन और डॉ. जोओ कोनिओट शामिल रहे। इस रिसर्च के लिए इजरायली स्वास्थ्य मंत्रालय, विज्ञान और प्रौद्योगिकी फाउंडेशन, पुर्तगाल, मेलोनेमा रिसर्च अलायन्स (एमआरए) और इजरायली कैंसर रिसर्च फंड (आईईसीआरएफ) की ओर से आर्थिक मदद दी गई।
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