नैना देवी (बिलासपुर) के दर्शन से भक्तों की हर मनोकामना होती है पूरी

नैना देवी मंदिर (Naina Devi Mandir) हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित है। शिवालिक की पहाड़ियों पर बना यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में शामिल है। इसकी समुद्र तल से ऊंचाई करीब 11 हजार मीटर है। मंदिर के पास स्थित गुफा को नैना देवी गुफा के रूप में जाना जाता है। मंदिर से कुछ ही दूरी पर एक तालाब है, जिसकी काफी मान्यता है। मंदिर में हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। ऐसी आस्था है कि यहां दर्शन से हर मनोकामना पूरी होती है और आंखों से संबंधित बीमारियां दूर हो जाती हैं।

शक्तिपीठ के बारे में मान्यता

एक पौराणिक कथा के अनुसार शिव के ससुर राजा दक्ष शिव को अपने बराबर का नहीं समझते थे। एक बार उन्होंने यज्ञ का आयोजन किया और जानबूझकर शिव और सती को आमंत्रित नहीं किया। जब यह बात सती को पता चली तो उन्होंने सोचा कि पिता के आयोजन में बुलावे की क्या जरूरत। वह खुद ही पहुंच गईं। यज्ञ में पहुंचकर उन्होंने देखा कि यहां शिव का अपमान हो रहा है। वह यह सहन नहीं कर सकीं और हवन कुंड में कूद गईं। भगवान शिव को यह बात जब पता चली तो वह आए और सती के शरीर को हवन कुंड से निकालकर तांडव करने लगे। इससे पूरे ब्रह्मांड में हाहाकार मच गया। इस संकट से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने सती के शरीर को अपने सुदर्शन चक्र से 51 भागों में बांट दिया। जो अंग जहां गिरा, वहीं पर शक्ति पीठ बन गया। कहा जाता है कि नैना देवी मंदिर की जगह सती के नेत्र गिरे थे।

एक मान्यता के अनुसार नैना नामक युवक अपने मवेशियों को पहाड़ी पर चराने आया करता था। एक दिन उसने देखा कि एक सफेद गाय एक पत्थर पर अपने थन से दूध बरसा रही है। उसने कई दिन ऐसा ही देखा। एक दिन उसने अपने सपने में देवी मां को यह कहते हुए देखा कि वह पत्थर उनकी पिंडी है। युवक ने यह पूरी बात राजा बीर चंद को बताई। इसके बाद राजा ने उसी स्थान पर नैना मंदिर का निर्माण करवाया।

कैसे जाएं मंदिर के लिए

नैना देवी मंदिर जाने के लिए नजदीकी एयरपोर्ट चंडीगढ़ है। चंडीगढ़ से मंदिर की दूरी करीब 100 किलोमीटर है। यहां से आप टैक्सी से भी जा सकते हैं। कीरतपुर साहिब और आनंदपुर साहिब पहुंचकर भी आप नैना देवी मंदिर पहुंच सकते हैं। कीरतपुर साहिब से मंदिर की दूरी करीब 30 किलोमीटर तो आनंदपुर साहिब से 20 किलोमीटर है। इनमें कई किलोमीटर का पहाड़ी रास्ता पड़ता है।

दर्शन के लिए कब जाएं, कहां ठहरें

मंदिर में नवरात्र के दिनों में काफी भीड़ रहती है। इस दौरान काफी दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस दौरान आप दर्शन के लिए जा सकते हैं। भीड़ से बचना चाहते हैं तो नवरात्र के समय यहां न जाएं। यहां ठहरने के लिए आसपास गेस्ट हाउस और होटल आपको 900 से लेकर 2,500 रुपये में मिल जाएंगे।

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