पपीते की खेती से कमाएं सालाना 10 लाख रुपये का मुनाफा
पपीते की खेती (Papaya cultivation) से एक वर्ष में 10 लाख रुपये तक मुनाफा आराम से कमाया जा सकता है। इसके लिए आपको एक एक हेक्टेयर में पपीते की खेती करनी होगी। इस पर अधिकतम 3 से 4 लाख रुपये तक का खर्च आता है। पपीते की खेती के लिए 22 से 26 डिग्री के बीच तापमान होना चाहिए। यह 10 डिग्री से कम नहीं होना चाहिए। देश के अधिकतर हिस्सों में करीब ऐसा ही तापमान रहता है, इसलिए इसकी खेती करना अधिकतर प्रदेशों में बहुत ही आसान है। अभी इसकी खेती उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड आदि प्रदेशों में की जाती है। इसके पौधे एक बार लगा देने से दो बार फसल ली जा सकती है। पपीते की खपत हर स्थानीय बाजार में बहुत होती है, इसलिए इसकी बिक्री के लिए चिंता नहीं करनी पड़ती है।
खेती का समय और मिट्टी
पपीते की खेती के लिए दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। इस मिट्टी का पीएच मान 6.5 से लेकर 7.5 तक होना चाहिए। इसकी खेती के लिए जून और जुलाई का महीना सही रहता है। हालांकि, सितंबर-अक्टूबर और फरवरी-मार्च में भी इसकी खेती की जाती है।
बीज और पौधों की रोपाई
एक हेक्टेयर में पपीते की खेती के लिए 800 ग्राम से लेकर 1 किलोग्राम बीज की जरूरत पड़ती है। इन बीजों को क्यारी, गमले या प्लास्टिक की थैलियों में उगाया जाता है। पौधे बड़े होने के बाद बड़ी क्यारियों में इन्हें कतार से थोड़ी-थोड़ी दूरी पर बोया जाता है। एक हेक्टेयर जमीन में पांच-सवा पांच हजार पौधे लगाए जा सकते हैं। पौधों की रोपाई दोपहर बाद 3 बजे से किया जाना चाहिए। इन पौधों पर समय-समय पर खाद और कीटनाशक के छिड़काव की जरूरत पड़ती है।
पपीते की प्रजातियां
रेड लेडी 786, सोलो, वाशिंगटन, कोयम्बटूर, पूसा डेलिसस, पूसा मैजेस्टी, पूसा जायंट और तायबान रेड लेडी 786 पपीते की उन्नतशील प्रजातियां हैं। इसके अलावा सिलोन और हनीडीयू की भी काफी मांग रहती है।
पौधों की सिंचाई
पपीते की खेती ऐसी जगह पर की जानी चाहिए जहां पानी निकलने का सही इंतजाम हो। पानी जमा होने से इसका तना सड़ने लगता है। हालांकि, इसके पौधे को सिंचाई की जरूरत पड़ती है। गर्मी में एक हफ्ते और सर्दी में लगभग 2 हफ्ते पर पौधों को पानी देने की आवश्यकता होती है। बारिश के दिनों में पानी देने की जरूरत नहीं होती है।
उपज और मार्केटिंग
पपीते के पौधे लगाने के 10 से 12 महीने बाद इसके फल तोड़ने लायक हो जाते हैं। फल पूरी तरह पकने से थोड़ा पहले ही तोड़ना चाहिए। इससे यह बाजार तक पहुंचने में खराब नहीं होता है। हर पौधे से करीब 35 से 50 किलोग्राम तक फल प्राप्त होता है। पपीते की खेती कर रहे उन्नतशील किसानों के अनुसार एक हेक्टेयर में 15 से 20 टन पपीते का उत्पादन आसानी से किया जा सकता है। फलों को अखबार आदि में लपेटकर बॉक्स में भरकर बाजार में भेजना चाहिए। बड़े बाजारों में इसके अच्छे दाम मिलते हैं। पपीते की खेती से होने वाले लाभ से अब तक बहुत लोगों की जिंदगी बदल चुकी है।
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