सर्दी-जुखाम में एंटी-बायोटिक लेने की भूल न करें

यह गलत धारणा है कि सर्दी-जुखाम (Cold-Flu) में एंटी-बायोटिक लेना फायदेमंद होता है। दरअसल इसमें एंटी-बायोटिक काम ही नहीं करता। उल्टे इसे लेने वालों को इसका नुकसान जरूर झेलना पड़ता है।

फायदा कुछ नहीं, नुकसान ज्यादा

अमेरिका के रोग नियंत्रण केंद्र के अनुसार एंटी-बायोटिक वायरल जनित बीमारियों में काम नहीं करता है। फ्लू यानि जुखाम इन्फ्लूएंजा बैक्टीरिया से नहीं बल्कि इन्फ्लूएंजा वायरस से होता है। यही कारण है कि एंटी-बायोटिक इसमें प्रभावी नहीं होता। इतना ही नहीं यह सर्दी, कान के इंफेक्शन, ब्रोंकाइटिस या साइनस में भी कारगर नहीं है। एंटी बायोटिक लेने से क्लोस्ट्रीडियम डिफिसिल इंफेक्शन को बढ़ावा मिलता है। इससे तेज दस्त, बुखार और पेट दर्द का सामना करना पड़ सकता है। एंटी-बायोटिक शरीर को लाभ पहुंचाने वाले बैक्टीरिया को भी मार डालते हैं। गौर हो कि शरीर के अंदर विद्यमान सूक्ष्म जीव इंफेक्शन रोकने में हमारी मदद करते हैं।

इस वजह से होता है जुखाम

जुकाम में तेज बुखार, सिरदर्द, कफ, गले में खराश और मांसपेशियों में दर्द महसूस होता है। यह मौसमी इन्फ्लूएंजा वायरस की वजह से होता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में बहुत तेजी से फैलता है, इसलिए इसमें खास सावधानी की जरूरत होती है। जुखाम में अपने हाथ-और मुंह को ढककर रखना बेहतर होता है। इससे दूसरे लोग बीमारी की चपेट में आने से बच जाते हैं।

सर्दी और जुखाम में अंतर समझें

सही इलाज के लिए सर्दी और जुखाम में अंतर समझना आवश्यक है। जुखाम में बुखार तेज होता है, जबकि सर्दी में यह कम होता है। जुखाम में गला सूखने लगता है और नाक से सांस लेने में दिक्कत होती है, जबकि सर्दी होने पर नाक बहने लगती है। जुखाम में मांसपेशियों में दर्द होता है और इलाज में देरी पर यह न्यूमोनिया का रूप ले सकता है, जबकि सर्दी में गले और नाक में दिक्कत होती है और यह जल्द ठीक हो जाती है।

टीका लगवाना बेहतर

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि बार-बार के जुखाम से छुटकारे के लिए हर वर्ष टीका लगवाना सबसे बेहतर होता है। 6 माह से लेकर 5 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, 65 वर्ष से ऊपर के लोगों और लंबे समय से बीमारी के शिकार लोगों को तो फ्लू रोधी टीका लगवाना ही चाहिए।

ये 5 सावधानी जरूरी

  1. जुखाम होने पर खाने और वाशरूम जाने से पहले और बाद में अपने हाथ जरूर साफ करें। इससे वायरस फैलने का खतरा नहीं रहता है।
  2. विटामिन C युक्त आहार जुखाम और इसकी अवधि को घटाने का काम करते हैं। इसके लिए गोभी, ब्रोकली और अन्य गहरे हरे पत्ते वाली सब्जियां, अमरूद, मिर्च आदि का सेवन करना चाहिए।
  3. ऐसी स्थिति में ज्यादा से ज्यादा पानी या अन्य पेय पदार्थ लेना चाहिए। इससे शरीर के अंदर मौजूद खराब तत्व बाहर निकल जाते हैं। इससे श्वसनतंत्र भी सुधरता है।
  4. लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के अनुसार हफ्ते में दो से ढाई घन्टे तक एक्सरसाइज करने वालों को जुखाम होने की आशंका कम रहती है।
  5. बार-बार के जुखाम से छुटकारे के लिए धूम्रपान छोड़ना आवश्यक है। इसके अलावा पर्याप्त नींद भी जरूरी है। नींद पूरी न होने से भी कई शारीरिक और मानसिक परेशानियां उत्पन्न होती हैं।
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