चौलाई का साग कब्ज, आंखों की बीमारी और डायबिटीज में है फायदेमंद

चौलाई के साग (Chaulai ka Saag) को अमरकंथ भी कहते हैं। यह लाल और हरे दोनों ही रंग में पाया जाता है। लाल वाली चौलाई को ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। इस साग में कैल्शियम, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन और विटामिन A पाया जाता है। इसके पत्ते, तने, जड़, फूल आदि सभी का इस्तेमाल किया जाता है। सभी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक साबित होते हैं। चौलाई का साग कब्ज की दिक्कत, आंखों की बीमारी आदि में बहुत फायदेमंद है। हड्डियों की मजबूती के लिए भी इसका सेवन करना चाहिए। चौलाई का इस्तेमाल कई तरीके से किया जा सकता है। इसके साग की सब्जी बहुत स्वादिष्ट बनती है। इसके अलावा इसके पत्तों को दाल में डालकर भी बनाया जा सकता है। आलू में मिलाकर इसकी आलू भुजिया भी बनाई जा सकती है।

कब्ज से राहत

कब्ज से परेशान लोगों को चौलाई के साग का सेवन जरूर करना चाहिए। इससे उन्हें काफी लाभ मिलता है। चौलाई को पानी में उबालकर पीने से कब्ज की समस्या से राहत मिलती है। इससे पेट दर्द में भी आराम मिलता है। दस्त और डायरिया में चौलाई का सेवन फायदेमंद होता है।

हड्डियों को मजबूती

सौ ग्राम चौलाई में कैल्शियम की करीब 21% मात्रा पाई जाती है। कैल्शियम से हमारे शरीर की हड्डियों को मजबूती मिलती है। इससे हड्डियों के टूटने का खतरा कम होता है। कैल्शियम हमारे दांतों और नाखून के लिए भी लाभकारी होता है, इसलिए खाने में चौलाई का इस्तेमाल करना चाहिए।

आंखों और बालों के लिए लाभकारी

चौलाई में विटामिन A और विटामिन C दोनों प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। चौलाई का साग खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। चौलाई के साग में लाइसिन और अमीनो एसिड पाया जाता है। ये बालों को झड़ने से रोकने में मददगार साबित होते हैं। यह साग बालों के लिए पोषण का काम करता है। इससे बाल काले बने रहते हैं।

वजन कम करने में उपयोगी

चौलाई में फाइबर बहुत होता है, इसीलिए इसका साग खाने से पेट भरा हुआ महसूस होता है और जल्द भूख नहीं लगती। इससे बार-बार खाना कम होता है। इस तरह से हमें शरीर का वजन घटाने में मदद मिलती है। चौलाई में कैलोरी बहुत कम होती है, इसलिए मोटापे से परेशान लोगों को चौलाई का साग खाना चाहिए।

पथरी खत्म करने में मददगार

पथरी को गलाने में चौलाई को रामवाण के रूप में जाना जाता है। पथरी के मरीजों को चौलाई का साग का सेवन करना चाहिए। चौलाई के पत्तों को उबालकर धीरे-धीरे चबाकर खाने से भी किडनी स्टोन से राहत मिलती है। इसमें लाल चौलाई ज्यादा कारगर होती है।

ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण
चौलाई में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इसका साग खाने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है। इससे इंसुलिन का स्तर कम होता है। डायबिटीज के मरीजों को चौलाई का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

त्वचा के लिए पोषण

चौलाई में प्रोटीन और विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इससे हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। चौलाई का साग खाने से रक्त के विकार दूर होते हैं। इससे हमारी त्वचा को पोषण मिलता है। इसके अलावा चौलाई पीरियड्स और खूनी बवासीर में भी उपयोगी है।

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