टूटे दिल से हार्ट अटैक जितना खतरा
दिल टूटने के मरीज एक समय के बाद खुद की शारीरिक क्रियाएं भी नहीं कर पाते। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को दिल टूटने का आघात ज्यादा लगता है।
टूटा दिल (Broken heart) उतना ही नुकसान पहुंचा सकता है, जितना कि हार्ट अटैक (Heart attack)। यह मौत का कारण भी बन सकता है। स्कॉटलैंड स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ एबरडीन के शोधकर्ताओं ने इस चौंकाने वाले तथ्य का खुलासा किया है। उनका कहना है कि इसके मरीज एक समय के बाद खुद की शारीरिक क्रियाएं भी नहीं कर पाते। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को दिल टूटने का आघात ज्यादा लगता है।
जापान में पहला अध्ययन
दिल टूटने की स्थिति को ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम (Broken heart syndrome) कहा जाता है। शोधकर्ताओं के अनुसार ऐसे लोगों की हृदय की मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं, जो कि हर धड़कन के दौरान रक्त को ठीक से पम्प करने से हृदय को रोकती हैं। दिल टूटने की स्थिति का सबसे पहले 1990 में जापान में अध्ययन किया गया था। तब इस स्थिति को टैकोट्सुबो कार्डियोमायोपैथी नाम दिया गया। इसका मतलब होता है ऑक्टोपस की तरह यानि असुनियोजित आकार का टूटा दिल। इस अध्ययन के दौरान इसके सबसे ज्यादा 90 प्रतिशत मामले महिलाओं के पाए गए।
इमरजेंसी के तौर पर लें
यूनिवर्सिटी ऑफ एबरडीन के शोधकर्ताओं ने टैकोट्सुबो से पीड़ित 37 मरीजों के कार्डियक एमआरआई स्कैन की जांच की। उन्होंने पाया कि दिल टूटने के लक्षण वाले लोगों के हार्ट पम्प की स्थिति बहुत ही कमजोर थी। यहां तक कि इनके एमआरआई स्कैन वैसे ही पाए गए, जैसे हृदय रोग के मरीजों के थे। मुख्य शोधकर्ता डना डावसन कहती हैं ” हम जितना सोचते हैं, टैकोट्सुबो उससे कहीं अधिक खतरनाक है। टैकोट्सुबो को भी उतनी ही इमरजेंसी के तौर पर लिया जाना चाहिए जितना कि हार्ट अटैक।” वह कहती हैं कि इस शोध के बाद हम अपने अगले मिशन में इलाज पर काम करेंगे। उल्लेखनीय है कि दिल के टूटने का अब तक कोई सटीक इलाज नहीं है। यह जरूर है कि तनाव प्रबंधन और रिलेक्सेशन तकनीक से मरीज की शारीरिक और मानसिक स्थिति सुधारी जा सकती है।
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के लक्षण
- ऐसे मरीजों को सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है या यह भी कह सकते हैं कि उन्हें कम सांस आती है।
- शरीर की जरूरतों के अनुसार हृदय ब्लड को पम्प नहीं कर पाता है। स्ट्रेस हार्मोन बढ़ने से दिल की गतिविधियों पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
- दिल टूटने की स्थिति में सीने में अचानक और बहुत जोर का दर्द उठता है। इसे एंजाइना भी कहते हैं।
- इस तरह की स्थिति में हार्ट बीट अनियमित हो जाती है। इससे भी मुश्किलें बढ़ जाती हैं।
- इसके मरीजों का ब्लड प्रेशर घट जाता है। बेहोश होने समेत उनके हार्ट फेल होने का खतरा बना रहता है।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!