पैदल चलने से दिमाग तेज होता है

पैदल चलने वालों का दिमाग तेज चलता है। इस नए तथ्य का पता लगाया है न्यू मैक्सिको हाईलैंड्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता अर्नेस्ट ग्रीन और उनके सहयोगियों ने। उनके अनुसार पैदल चलते समय धमनियों के माध्यम से दबाव तरंगें उठती हैं, जो मस्तिष्क की रक्त की आपूर्ति को बढ़ा देती हैं। इससे दिमाग सक्रिय रहता है।

अभी तक यह माना जाता था कि दिमाग को होने वाली रक्त आपूर्ति पर व्यायाम या रक्तचाप में बदलाव का कोई असर नहीं पड़ता है। लेकिन नए अध्ययन का निष्कर्ष कुछ और ही है। शोधकर्ता अर्नेस्ट ग्रीन के अनुसार दिमाग का रक्त प्रवाह बहुत ही गतिशील है। पैदल चलने से हृदय गति भी सुधरती है।

नंगे पैर चलने के फायदे

पैर में 26 हड्डियां, 33 जोड़ और 100 से अधिक मांसपेशियां होती हैं। नंगे पैर चलने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इससे घुटने में खिंचाव और पीठ से जुड़ी दिक्कतों में आराम मिलता है। जूते पहनने पर मांसपेशियों पर उतना जोर नहीं पड़ता।

बिना चप्पल या जूते के घास पर चलना एक तरह से एक्यूप्रेशर का काम करता है। इससे चिंता और अवसाद 60 फीसदी तक कम होता है।

रात को अच्छी नींद के लिए भी घास पर नंगे पैर चलना लाभकारी होता है। अनिद्रा के शिकार लोगों को ऐसा जरूर करना चाहिए।

पानी में नंगे पैर चलने से शरीर को एक नई ऊर्जा मिलती है। धरती पर पाए जाने वाले नकारात्मक आयन शरीर को चार्ज कर देते हैं। पानी इसके लिए और बेहतर साबित होता है।

नंगे पैर चलने का मतलब है प्रकृति के करीब जाना। शुद्ध हवा, रोशनी और पेड़-पौधों के बीच से गुजरना सेहत के लिए सदा सर्वोत्तम होता है।

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