35 से 55 की उम्र है तो ब्रेस्ट कैंसर से सावधान हो जाएं
10 लाख तक महिलाओं में प्रत्येक साल ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी सामने आती है दुनियाभर में
02 नंबर की बीमारी है यह महिलाओं में होने वाले फेफड़े के कैंसर के बाद
13 से 90 वर्ष उम्र वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने की बनी रहती है आशंका
अगर आप महिला हैं और 35 से 55 तक आपकी उम्र हो चुकी है, तो ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) से सावधान हो जाएं। हर 8 में से 1 महिला को उसके जीवनकाल में कभी न कभी यह बीमारी होने का खतरा बना रहता है। ब्रेस्ट कैंसर की शिकार महिलाओं में से दो तिहाई की उम्र 55 या इससे ऊपर है। इसके अलावा इस रोग से सबसे अधिक पीड़ित 35 से 54 की महिलाएं हैं। पुरुषों में भी यह कैंसर हो सकता है, पर इसकी आशंका 1 प्रतिशत से भी कम होती है। ब्रेस्ट कैंसर से स्थिति बिगड़ने के बाद महिलाओं के जीवित बचने की दर 5 से 10 वर्ष के बीच होती है। रोग का पता चलते ही इसका इलाज शुरू करने से यह ठीक हो सकता है। कुछ जरूरी एहतियात बरतकर इस बीमारी को होने से रोका जा सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर को ऐसे रोकें
वजन नियंत्रित करें
शरीर का ज्यादा वजन ब्रेस्ट कैंसर का कारण हो सकता है, इसलिए इस बीमारी से बचने के लिए वजन नियंत्रित करना बेहद जरूरी है। 4 फीट 10 इंच की महिलाओं का आदर्श वजन 36-45 किलोग्राम, 5 फीट की महिलाओं का वजन 40-50 किलोग्राम, 5 फीट 2 इंच की महिलाओं का वजन 45-55 किलोग्राम और 5 फीट 5 इंच की औरतों का वजन 51 से 62 किलोग्राम होना चाहिए।
एक्सरसाइज जरूरी
शरीर की सक्रियता इस बीमारी से दूर रखती है। ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए एक्सरसाइज जरूरी है। सेहत विशेषज्ञ हल्के व्यायाम के लिए हफ्ते में कम से 150 मिनट और भारी व्यायाम के लिए 75 मिनट समय देने की जरूरत बताते हैं। एक्सरसाइज के लिए थोड़ा-थोड़ा समय बढ़ाते जाएं तो और भी बेहतर होगा।
हार्मोन थेरेपी से बचें
मेनोपॉज के बाद महिलाओं को हार्मोन थेरेपी से बचना चाहिए। डॉक्टर से इसके विकल्प तलाशने को कहना चाहिए। ऐसी स्थिति में हार्मोन थेरेपी से कैंसर का खतरा रहता है। मेनोपॉज के बाद महिलाओं में वजन बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है, इसलिए भी इस समय खास ध्यान आवश्यक होता है। ज्यादा गर्भ निरोधक गोली लेने वाली महिलाओं को भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है।
अल्कोहल का त्याग
अगर ब्रेस्ट कैंसर से बचना है तो अल्कोहल की लत छोड़नी पड़ेगी। इससे बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। यदि यह संभव न लगे तो इसकी मात्रा बहुत कम कर देनी चाहिए। धूम्रपान और आनुवंशिक कारणों से भी यह बीमारी होती है। हालांकि, लंबे समय तक ब्रेस्टफीड देने वाली माताओं में ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका बहुत कम रहती है।
क्या है ब्रेस्ट कैंसर
ब्रेस्ट कैंसर ब्रेस्ट की कोशिकाओं में विकसित होता है। ये कोशिकाएं स्वस्थ ब्रेस्ट उत्तकों पर भी आक्रमण करती हैं। ये कांख (Arms) के अलावा शरीर के अन्य हिस्सों में भी पहुंच जाती हैं। धीरे-धीरे यह स्थिति खतरनाक होती जाती है।
ऐसे पहचानें यह बीमारी
- ब्रेस्ट या कांख के नीचे गांठ या थोड़ा मोटा महसूस होना। यह गांठ बड़ी भी हो सकती है, पर कई बार यह मटर के दाने के बराबर महसूस होती है।
- ब्रेस्ट के आकार, बनावट या उभार में असामान्य बदलाव आ जाता है।
- निपल (Nipple) से स्राव। यह खून भी हो सकता है या बहुत ही हल्का लिक्विड के रूप में दिख सकता है।
- ब्रेस्ट की त्वचा का रंग लाल आदि होने लगता है। निपल के आसपास भी लाल हो जाता है।
- निपल के आकार या जगह में बदलाव दिखाई दे सकता है।
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