Research : बुरे सपनों से हमारा भला होता है, जानें कैसे
सपने (Dreams) महज कोरे सपने नहीं होते, ये हमारे लिए बहुत लाभदायक होते हैं। यहां तक कि बुरे सपने भी हमारा भला कर जाते हैं। यह किसी की कल्पना नहीं, बल्कि हाल में स्विट्जरलैंड और अमेरिका की ओर से संयुक्त रूप से कराए गए एक अध्ययन में सामने आया है। इसके अनुसार जो लोग ज्यादा बुरे सपने देखते हैं, वो भयभीत करने वाली भावनाओं (Fearful emotions) को नियंत्रित करने में बेहतर साबित होते हैं।
ऐसे प्रतिक्रिया करता है दिमाग
यूनिवर्सिटी ऑफ जेनेवा, यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स ऑफ जेनेवा और यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन, अमेरिका के शोधकर्ताओं ने सपनों के असर के बारे में निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए चुनिंदा लोगों के दिमाग का अध्ययन किया। इसके लिए उन्होंने सपने देखने के दौरान प्रतिभागियों के दिमाग को स्कैन किया और उनसे बातचीत की। इस दौरान पाया गया कि सपने के दौरान दिमाग के अंदर दो क्षेत्र प्रतिक्रिया करते हैं : इंसुला और सिंगुलेट कॉर्टेक्स। बुरे सपने के समय ये उत्तेजित हो जाते हैं। यही समान क्षेत्र जगने में भय या डर की भावनाओं के उठने के समय प्रतिक्रिया देते हैं।
डर का इस तरह खात्मा
यूनिवर्सिटी ऑफ जेनेवा के शोधार्थी वर्जिनिया स्टरपेनिच का कहना है कि हमने अपने अध्ययन में पाया कि जिन लोगों ने अपने सपने में लंबा भयानक सपना देखा, उन्हें जब हकीकत में नकारात्मक तस्वीरें दिखाई गईं तो उनके दिमाग के अंदर इंसुला और सिंगुलेट कॉर्टेक्स कम उत्तेजित हुए। अध्ययन के अनुसार इस तरह यह देखने मे आया कि बुरे सपने देखने वालों का दिमाग डर से अच्छी तरह से लड़ने का अभ्यस्त बन जाता है।
ड्रीम थेरेपी पर काम शुरू
सपनों का जिंदगी पर असर देखने के बाद अब शोधकर्ता ड्रीम थेरेपी (Dream therapy) की संभावना पर विचार कर रहे हैं। उनके अनुसार इस थेरेपी के माध्यम से तनाव और अवसाद की समस्या से कितनी राहत मिल सकती है, यह तो थोड़ा और अध्ययन के बाद पता चलेगा पर यह जरूर है कि इससे बुरी भावनाओं से पार पाने में हमें मदद मिलेगी।
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