इन खूबियों से अश्वगंधा की विदेश में भी है मांग
तमाम खूबियों की वजह से छह हजार साल पुरानी आयुर्वेदिक औषधि अश्वगंधा की मांग आज जापान, चीन समेत अमेरिका और ब्रिटेन में भी बढ़ती जा रही है। अश्वगंधा संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ है अश्व यानि घोड़ा और गन्ध। घोड़े से इसका नाम जोड़े जाने की मुख्य वजह इसका जोश और ताकत से जुड़ा होना है, लेकिन इसकी खूबियां इससे भी कहीं ज्यादा हैं। इसके लाभकारी गुणों के कारण ही इस पर अब तक 900 से अधिक रिसर्च पेपर देश-विदेश में प्रस्तुत किए जा चुके हैं। इसे चाहे पाउडर के तौर पर प्रयोग करें या टॉनिक के रूप में, दोनों ही तरह से लाभकारी है। इसके कोई साइड इफेक्ट्स नहीं हैं।
पौरुषत्व बढ़ाने में कारगर
अश्वगंधा के प्रयोग से पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता दोनों बढ़ती है। इससे जोश में भी वृद्धि होती है। शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और शरीर दर्द कम करने करने की यह कारगर दवा है। इसके सेवन से जल्दी बुढ़ापे के लक्षण सामने नहीं आते। इसकी पत्तियां त्वचा रोग में उपयोगी साबित होती हैं।
दिमाग को शॉर्प बनाए
अश्वगंधा में कई ऐसे यौगिक पाए जाते हैं जो स्मृति, सीखने और धारण करने की क्षमता-वृद्धि में मददगार होते हैं। इसके इस्तेमाल सेे अल्जाइमर और पार्किंन्सन रोग की आशंका भी कम होती है। बहुत से लोग अच्छी नींद के लिए अश्वगंधा का प्रयोग करते हैं।
कैंसर को रोकने में सहायक
जापान के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड साइंस एंड टेक्नोलॉजी के अध्ययन में सामने आया कि अश्वगंधा में पाए जाने वाले यौगिक और एंटीऑक्सीडेंट्स कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं। इतना ही नहीं, ये जीवन रक्षक कोशिकाओं की मदद भी करते हैं।
अवसाद से राहत
अश्वगंधा की जड़ें स्ट्रेस हार्मोन को घटाती हैं। इससे थकान और अवसाद से राहत मिलती है। इस तरह चिंता और अवसाद जनित बीमारियों जैसे शुगर और उच्च रक्तचाप से भी छुटकारा मिलता है। इससे शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और अच्छे भाव आते हैं।
हृदय रोग का कम खतरा
अश्वगंधा का प्रयोग हमारे शरीर से कोलेस्ट्रॉल का स्तर करीब 40 प्रतिशत कम करने में मदद करता है। इससे हृदय रोग की आशंका कम हो जाती है। अश्वगंधा का इस्तेमाल करने वालों का हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य रहता है। इसके सेवन से त्वचा रोग से भी राहत मिलती है।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!