30 से 50 वर्ष की महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा, इस तरह बचें

ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) यानि स्तन कैंसर महिलाओं को होने वाली ऐसी बीमारी है, जिसका समय से इलाज न किया जाए तो जान भी जा सकती है। हर 28 में से एक महिला को जीवन में कभी न कभी ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) यानि स्तन कैंसर का सामना करना पड़ता है। यह कैंसर सिर्फ महिलाओं को ही नहीं, बल्कि पुरुषों में भी होता है पर उनमें इस बीमारी के होने की आशंका बहुत कम होती है। हाल की एक रिपोर्ट के अनुसार 30 से 50 वर्ष आयु वर्ग वालों में इस बीमारी के मामले तेजी से बढ़े हैं। ब्रेस्ट कैंसर से बचने का सबसे बेहतर तरीका समय से इस बीमारी का पता चलना और जांच के बाद उपचार शुरू कराना है। पहले या दूसरे स्टेज में पता चलने पर इस बीमारी से पार पाया जा सकता है।

भारत में हर 4 मिनट में एक महिला को ब्रेस्ट कैंसर होने का पता चलता है

देश में महिलाओं को होने वाले कैंसर में अकेले 25 से 32% ब्रेस्ट कैंसर के केस हैं

हर 13 मिनट में हिन्दुस्तान में एक महिला की मौत ब्रेस्ट कैंसर से हो जाती है

क्या है ब्रेस्ट कैंसर

ब्रेस्ट कैंसर में ब्रेस्ट के अंदर कोशिकाओं में अनियंत्रित तौर पर वृद्धि होती है। ये कोशिकाएं ब्रेस्ट के टिश्यूज में बनती हैं। इन कोशिकाओं के चलते ही ट्यूमर बनता है। धीरे-धीरे ब्रेस्ट कैंसर आसपास के टिश्यूज और पूरे शरीर में फैल जाता है। इस बीमारी में बनने वाला ट्यूमर का स्पष्ट पता तो एक्स-रे में चलता है पर गांठ (Lump) के रूप में इसे खुद भी महसूस किया जा सकता है।

ब्रेस्ट कैंसर को ऐसे पहचानें

ये हैं इस बीमारी के लक्षण

  • कांख में गांठ का बनना और दिखना
  • ब्रेस्ट में गांठ का बनना
  • दबी हुई और मुरझाई सी त्वचा
  • ब्रेस्ट के सभी हिस्से या कुछ भाग में स्वेलिंग
  • निप्पल में बदलाव या उसका उल्टी दिशा में होना
  • ब्रेस्ट में दर्द महसूस होना
  • त्वचा में जलन और बदलाव
  • निप्पल से रक्त का स्राव

ब्रेस्ट कैंसर के प्रमुख कारण

  • ब्रेस्ट के अंदर कोशिकाओं का असामान्य विकास
  • शरीर में होने वाला हॉर्मोनल बदलाव
  • अनियमित जीवन शैली
  • उच्च कैलोरी ग्रहण करना
  • शरीर का अधिक वजन

बीमारी में खानपान और एहतियात

  • मरीज को फाइबरयुक्त आहार लेना चाहिए। कम फैट वाला दूध लेना भी बेहतर होता है।
  • फल और सब्जियों का सेवन उपयुक्त रहता है, पर पत्तेदार सब्जी नुकसानदायक हो सकती है।
  • सोयाबीन खाना चाहिए, पर मिर्च, टमाटर और गाजर के सेवन से परहेज करें।
  • शराब और धूम्रपान घातक हो सकता है, इसलिए इनका त्याग करना चाहिए।
  • वजन को बढ़ने से रोकें। सामान्य और नियंत्रित वजन से इस बीमारी में काफी राहत मिलती है।
0.00 avg. rating (0% score) - 0 votes
0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply

Your email address will not be published.