सफदरजंग का मकबरा (Safdarjung Tomb, Delhi) कब, कैसे जाएं घूमने, टिकट और टाइमिंग समेत पूरी जानकारी
सफदरजंग का मकबरा दिल्ली की प्राचीन इमारतों में से एक है। इसे मुगल बादशाह मुहम्मद शाह (1719-1748) के प्रधानमंत्री सफदरजंग की स्मृति में 1754 ई. में बनवाया गया था। इस मकबरे का निर्माण सफदरजंग के बेटे और लखनऊ के नवाब शुजाउद्दौला खां ने करवाया था। दक्षिण दिल्ली के अरबिंदो मार्ग पर सफदरजंग रोड के साथ स्थित मकबरे के भीतर सफदरजंग और उसकी बेगम की कब्र बनी हुई है। यह इमारत मुगल वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत के तहत संरक्षित इमारत है। परिसर में फैली हरियाली और शांत वातावरण यहां आने वाले पर्यटकों को बहुत भाता है। रात में रोशनी के बीच मकबरे की छटा देखते ही बनती है।
चार झीलें और मीनारें खास (Four Lakes and Minarets)
जिस सफदरजंग के नाम पर यह मकबरा बना, उसका पूरा नाम अब्दुल मंसूर मुकीम अली खान मिर्जा मुहम्मद सफदरजंग था। वह एक कुशल प्रशासक था और आगरा, अवध और कश्मीर प्रांतों का सूबेदार रहा। सफदरजंग का मकबरा हुमायूं के मकबरे के ढांचे पर आधारित है। एक इथोपियाई वास्तुकार द्वारा इस मकबरे का डिजाइन तैयार किया गया था। इसके चारों ओर चार झीलें बनाई गई हैं। सफदरजंग मकबरा विशाल चौकोर बगीचों से घिरा हुआ है। मकबरे का मुख्य द्वार पूर्व की ओर बनाया गया है। मुख्य इमारत में बड़े गुम्बद को सफेद संगमरमर से बनाया गया है। बाकी इमारतें लाल बलुआ पत्थर से बनी हुई हैं। मुख्य इमारत में चार अष्टकोणीय मीनारें बनी हैं।
तीन मंडप आकर्षण के केंद्र (Center of attraction : 3 Mandaps)
सफदरजंग मकबरे का मुख्य द्वार करीब दोमंजिला है। इस पर अरबी में शिलालेख देखने योग्य है। मकबरे के भीतर कई प्रमुख मंडप बनाए गए हैं। इनमें मोती महल (पर्ल पैलेस), जंगल महल (पैलेस ऑफ वुड्स) और बादशाह पसंद (किंग्स फेवरेट) प्रसिद्ध हैं। मकबरे के चारों ओर चार फव्वारे बनाए गए हैं। कहा जाता है कि इस मकबरे के निर्माण के वक्त पत्थरों की कमी पड़ गई थी। तब निजामुद्दीन स्थित अब्दुर्रहीम खान-खाना के मकबरे से पत्थर निकालकर इस मकबरे में लगाए गए थे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा यहां एक पुस्तकालय चलाया जाता है।
सफदरजंग का मकबरा खुलने के दिन और समय (Safdarjung’s Tomb opening date and time)
सफदरजंग का मकबरा पर्यटकों के लिए प्रतिदिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक खुला रहता है।
सफदरजंग मकबरे का प्रवेश शुल्क (Safdarjung Tomb Entry Fee)
सफदरजंग के मकबरे में प्रवेश के लिए शुल्क इस प्रकार है :
प्रति भारतीय : 5 रुपये
प्रति विदेशी : 100 रुपये
सफदरजंग मकबरे में फोटोग्राफी (Photography at Safdarjung Tomb)
सफदरजंग मकबरे में फोटोग्राफी पर रोक नहीं है। यहां स्टिल कैमरे से फोटोग्राफी निशुल्क है। वीडियो कैमरे के लिए 25 रुपये शुल्क निर्धारित है।
सफदरजंग का मकबरा कैसे पहुंचें (How to reach Safdarjung’s Tomb)
सफदरजंग मकबरे का सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन यलो लाइन स्थित जोर बाग है। इस मेट्रो स्टेशन से मकबरे की दूरी करीब 350 मीटर है। यहां से आप पैदल या बैट्री रिक्शे से मकबरे तक पहुंच सकते हैं। मकबरे तक बस, कैब या अपनी गाड़ी से भी आसानी से पहुंचा जा सकता है।
सफदरजंग मकबरा कब जाएं घूमने के लिए (When to visit Safdarjung Tomb)
सफदरजंग का मकबरा घूमने के लिए आप कभी भी जा सकते हैं, पर मई-जून में गर्मी ज्यादा होने से यहां घूमने जाना बचना चाहिए। दिसंबर से फरवरी तक का समय यहां के टूर के लिए सर्वश्रेष्ठ है।
सफदरजंग मकबरे का पता (Safdarjung Tomb Address)
सफदरजंग का मकबरा, एयरफोर्स गोल्फ कोर्स, रेस क्लब, नई दिल्ली-1100021
आसपास और कहां घूमें (What other places to visit around)
सफदरजंग के मकबरे के अलावा आप इंडिया गेट, जंतर मंतर, पुराना किला, लाल किला, मुगल गार्डन, गुरुद्वारा बंगला साहिब, बिरला मंदिर, अक्षरधाम मंदिर, प्रगति मैदान, चांदनी चौक, कनॉट प्लेस, कुतुबमीनार आदि घूम सकते हैं।
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