शंकर डॉल्स म्यूजियम (Shankar Dolls Museum, Delhi) (एंट्री टिकट, खुलने का समय और दिन, Dolls के बारे में जानकारी)
शंकर अंतरराष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय, नई दिल्ली (Shankar’s International Dolls Museum, New Delhi) या दिल्ली के डॉल्स म्यूजियम में आपको पूरी दुनिया की डॉल देखने को मिलेंगी। इनकी बनावट और परिधान पूरी एक संस्कृति की झलक दिखा जाते हैं। नई दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग पर चिल्ड्रेन बुक ट्रस्ट की बिल्डिंग में स्थित यह म्यूजियम कई मामलों में ऐतिहासिक है। बच्चों को तो इस डॉल म्यूजियम में जरूर घुमाना चाहिए, इससे उनका ज्ञान बढ़ता है। यह म्यूजियम बच्चों को बहुत पसंद आता है।
85 देशों की 6,500 डॉल्स मौजूद
शंकर अंतरराष्ट्रीय डॉल म्यूजियम की स्थापना प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट के. शंकर पिल्लई (1902-1989) द्वारा 30 नवंबर 1965 को की गई थी। 5184.5 वर्ग फुट आकार वाले इस म्यूजियम में 1,000 फीट की लंबाई में दीवारों पर 160 से अधिक कांच केस बनाए गए हैं। म्यूजियम में वर्तमान समय में 85 देशों की 6,500 गुड़ियां (Dolls) हैं। संग्रहालय में दो हिस्सों में गुड़ियां रखी गई हैं। पहले हिस्से में अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और राष्ट्र मंडल देशों की गुड़ियां मौजूद हैं। दूसरे हिस्से में मध्यपूर्व, अफ्रीका और एशियाई देशों की गुड़ियां रखी गई हैं। इन गुड़ियों की सजावट देखते ही बनती है।
Dolls Museum का रोचक इतिहास
Dolls Museum के स्थापना का इतिहास बहुत ही रोचक है। देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जब विदेश दौरे पर जाते थे, तब अक्सर उनके साथ उनके दल के सदस्य के रूप में प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट के. शंकर पिल्लई भी जाते थे। वो जिस भी देश में जाते थे, वहां की डॉल लेकर आते थे। इस तरह से कुछ समय बाद उनके पास 500 तरह की गुड़ियां एकत्र हो गईं। के. शंकर पिल्लई चाहते थे कि इन गुड़ियों को देशभर के बच्चे देखें और इनके बारे में जान सकें। इसी विचार के तहत वो अलग-अलग स्थानों पर अपने कार्टून के साथ-साथ गुड़ियों की भी प्रदर्शनी लगाने लगे। एक बार उनकी प्रदर्शनी देखने जवाहरलाल नेहरू अपनी बेटी इंदिरा गांधी के साथ पहुंचे। नेहरू और इंदिरा गांधी को यह प्रदर्शनी बहुत पसंद आई। उसी समय के. शंकर पिल्लई ने अपनी परेशानी जवाहरलाल नेहरू के सामने रखी। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी के लिए जगह-जगह ले जाने से गुड़ियों के टूटने का डर रहता है। इस पर नेहरू ने इन गुड़ियों के लिए एक निश्चित घर बनवाने का भरोसा दिया। तत्पश्चात चिल्ड्रेन बुक ट्रस्ट अस्तित्व में आया।
तोहफे में भी मिलीं डॉल्स
तत्कालीन राष्ट्रपति एस राधाकृष्णन ने इस म्यूजियम का उद्घाटन किया था। तब इसमें गुड़ियों की संख्या 500 थी। बाद में कई देशों के दूतावासों आदि से तोहफों में मिलने से यहां गुड़ियों की संख्या बढ़ती गई। ग्रीस और थाईलैंड की महारानी तथा इंडोनेशिया और मेक्सिको के राष्ट्रपति की पत्नी भी अलग-अलग समय पर इस म्यूजियम को डॉल्स भेंट कर चुकी हैं।
डॉल्स म्यूजियम के खुलने के दिन और समय
डॉल्स म्यूजियम (Shankar’s International Dolls Museum) मंगलवार से रविवार तक रोज सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुला रहता है। सोमवार को यह बंद रहता है। इसके अलावा राष्ट्रीय अवकाश के दौरान भी यह म्यूजियम बंद रहता है। यहां 4:00 बजे तक ही अंतिम प्रवेश की अनुमति है।
प्रवेश के लिए टिकट दर
डॉल म्यूजियम में प्रवेश के लिए टिकट दर इस प्रकार है :
प्रति वयस्क : 25 रुपये। प्रति बच्चा : 10 रुपये (साथ में सर्विस टैक्स)
(फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी यहां निशुल्क है।)
म्यूजियम का पता और फोन नंबर
शंकर अंतरराष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय, नई दिल्ली (Shankar’s International Dolls Museum, New Delhi)
4, बहादुर शाह जफर मार्ग, नजदीक सेंट्रल बैंक, बहादुर शाह जफर मार्ग, नेहरू हाउस, नई दिल्ली-110002
फोन नंबर : (011) 2331 6970
डॉल्स म्यूजियम कैसे पहुंचें
डॉल्स म्यूजियम तक आप मेट्रो से आसानी से पहुंच सकते हैं। आईटीओ मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 4 से यहां पहुंचा जा सकता है। यहां से म्यूजियम की दूरी मात्र 1.1 किलोमीटर है। प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन पर उतरकर भी म्यूजियम तक ऑटो या टैक्सी से जाया जा सकता है। आईटीओ बस स्टॉप (अग्रवाल चौक) पर बस से उतरकर भी डॉल्स म्यूजियम तक पहुंच सकते हैं। अपनी गाड़ी से भी यहां पहुंचना बहुत आसान है।
आसपास स्थित अन्य प्रमुख स्थल
डॉल्स म्यूजियम टूर के दौरान आप पास स्थित अरुण जेटली स्टेडियम, प्रगति मैदान, सुप्रीम कोर्ट म्यूजियम, राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र, फीरोजशाह कोटला किला, इंडिया गेट, चिड़िया घर और पुराना किला आदि घूम सकते हैं।
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