तीन मूर्ति भवन, दिल्ली (Teen Murti Bhavan, Delhi) में देखें नेहरू की विरासत, कब, कैसे जाएं
तीन मूर्ति भवन, दिल्ली (Teen Murti Bhavan, Delhi) भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का आवास रह चुका है। उनके निधन के बाद 1964 में इसे संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया। वह इस भवन में 16 वर्ष तक रहे। तीन मूर्ति भवन में जवाहर लाल नेहरू के जीवन से जुड़ी ढेर सारी वस्तुएं संरक्षित रखी गई हैं। इसके अंदर लाइब्रेरी भी है। पहले यह भवन भारत में ब्रिटिश सेना के कमांडर-इन चीफ का आवास हुआ करता था। इसे फ्लैग-स्टाफ हाउस कहा जाता था। इसका निर्माण 1930 में पूरा हुआ। स्वतंत्रता के बाद इसे भारतीय प्रधानमंत्री का निवास स्थान बना दिया गया। तीन मूर्ति भवन में ही 14वीं शताब्दी में फीरोजशाह तुगलक द्वारा बनवाया गया कुशक महल स्थित है। इसके अलावा परिसर में तारामंडल भी स्थित है। इसमें ब्रम्हांड के रहस्य जानने, देखने और समझने को मिलते हैं।
तीन मूर्ति भवन में यह है खास
तीन मूर्ति भवन 30 एकड़ में फैला हुआ है। इसमें जवाहर लाल नेहरू के ड्राइंग रूम, बेड रूम और अध्ययन कक्ष को संरक्षित किया गया है। नेहरू के लिखे पत्र, पांडुलिपियां और उनसे जुड़ीं अनेक तस्वीरें यहां देखने को मिलती हैं। इस संग्रहालय में बनी उपहार गैलरी में नेहरू द्वारा प्राप्त किए गए उपहारों को रखा गया है। तीन मूर्ति भवन में स्मारिका की एक दुकान भी है। भवन में स्थित नेहरू मेमोरियल लाइब्रेरी में समाचार पत्र और अनेक पुराने पत्र और पत्रिकाएं मिल जाएंगी। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ीं करीब 2 लाख तस्वीरें इस लाइब्रेरी में मौजूद हैं। शोध का डाटा जुटाने के लिए इस लाइब्रेरी में बहुत से छात्र आते हैं। तीन मूर्ति भवन का गुलाब उद्यान भी आकर्षण का केंद्र है। इसी गुलाब उद्यान से नेहरू अपनी शेरवानी के लिए गुलाब चुना करते थे।
इन्हें भी देखने का मौका
कुशक महल (Kushak Mahal)
दिल्ली सल्तनत के तुगलक वंश के शासक फीरोजशाह तुगलक ने कुशक महल (Kushak Mahal) को शिकारगाह के तौर पर बनवाया था। तब यहां जंगल होता था। फीरोजशाह अपने दरबारियों के साथ यहां शिकार करने आया करता था। तुगलक ने 1351 से लेकर 1388 तक शासन किया।
नेहरू तारामंडल (Nehru Planetarium)
तीन मूर्ति भवन स्थित नेहरू तारामंडल (Nehru Planetarium, Delhi) कई मामलों में अनोखा है। इसके अंदर ग्रहों, उपग्रहों, सितारों और ब्रह्मांड से जुड़ीं तमाम जानकारियां कॉस्मिक शो, फिल्म, प्रोजेक्टर आदि के जरिए दिखाई जाती हैं। स्काई थियेटर का शो खासकर बच्चों को खूब भाता है।
तीन मूर्ति भवन की वास्तुकला और डिजाइन
प्रसिद्ध वास्तुकार और ब्रिटिश सैनिक रॉबर्ट टोर रसेल ने तीन मूर्ति भवन को बनाया था। उन्होंने ही 1930 में दिल्ली के कनॉट प्लेस और पटौदी पैलेस को डिजाइन किया था। तीन मूर्ति भवन आस्ट्योर क्लासिकल शैली में बनाया गया है।
तीन मूर्ति भवन नाम क्यों पड़ा
इसके सामने चौराहे पर बनीं तीन मूर्तियों की वजह से इसका नाम तीन मूर्ति भवन दिया गया। यहां स्थित इन मूर्तियों को हैदराबाद, मैसूर और जोधपुर की उन रियासतों के स्मारक के रूप में बनाया गया, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
खुलने के दिन और समय
- तीन मूर्ति भवन सोमवार को बंद रहता है। इसके अलावा हफ्ते के सभी दिन खुला रहता है।
- तीन मूर्ति भवन सुबह 10 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक खुला रहता है। इसमें अंतिम प्रवेश 4:30 बजे तक ही है।
यह है प्रवेश शुल्क
तीन मूर्ति भवन में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं लगता है।
लाइट एंड साउंड शो
तीन मूर्ति भवन में सोमवार और सार्वजनिक अवकाश छोड़कर हर शाम लाइट एंड साउंड शो का आयोजन होता है।
शो के लिए टिकट
प्रति वयस्क : 80 रुपये। (सोमवार और सार्वजनिक अवकाश पर बंद)
तीन मूर्ति भवन का पता
तीन मूर्ति भवन, तीन मूर्ति मार्ग एरिया, नई दिल्ली-110011
फोन नंबर : 011-23015268
कब जाएं घूमने
तीन मूर्ति भवन घूमने कभी भी जाया जा सकता है, लेकिन तेज गर्मी में यहां जाने से बचना चाहिए। अक्टूबर से मार्च का समय यहां घूमने जाना बेहतर रहता है।
तीन मूर्ति भवन कैसे पहुंचें
तीन मूर्ति भवन का सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन यलो लाइन स्थित रेस कोर्स (लोक कल्याण मार्ग) है। डीटीसी की बस से यहां पीएस चाणक्यपुरी बस स्टॉप पर उतरकर जाया जा सकता है। आप टैक्सी, ऑटो या अपनी गाड़ी से भी यहां पहुंच सकते हैं।
आसपास कहां घूमें
तीन मूर्ति भवन टूर के दौरान जंतर मंतर, इंडिया गेट, प्रगति मैदान, शंकर डॉल म्यूजियम, लाल किला, पुराना किला, चिड़िया घर, गुरुद्वारा बंगला साहिब आदि स्थानों पर घूमा जा सकता है।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!