लकवा और हृदय रोगियों के लिए वरदान साबित होगी नई सिलिकॉन चिप

यूनाइटेड किंगडम समेत कई देशों की रिसर्च टीम ने एक ऐसी सिलिकॉन चिप (Silicon Chip) तैयार की है जो दिमाग के न्यूरॉन्स (Neurons) या तंत्रिका कोशिकाओं (Nerve Cells) की तरह काम करेगी। यह लकवा या पक्षाघात (Paralysis) और हृदय रोगियों (Heart Patients) के लिए वरदान साबित होगी। आने वाले समय में इस चिप को उन मरीजों में प्रत्यारोपित किया जा सकेगा, जिनके खुद के न्यूरॉन्स ने काम करना बंद कर दिया है। शोधकर्ता इसके लिए जोर-शोर से लगे हुए हैं।

ऐसे करती है काम

सिलिकॉन चिप के अंदर कृत्रिम न्यूरॉन्स फिट किए गए हैं। ये न्यूरॉन्स उन लोगों के दिमाग की तंत्रिका कोशिकाओं में भी सिग्नल पास करने का काम करते हैं, जिनमें बीमारी या स्पाइनल कॉर्ड क्षतिग्रस्त होने से ये काम करना बंद कर चुकी होती हैं। तंत्रिका कोशिकाएं शरीर के विभिन्न हिस्सों को इलेक्ट्रिक सिग्नल भेजने का काम करती हैं, जिससे अंग सुचारु रूप से काम कर पाते हैं। इस चिप को बनाने से पहले चूहों पर इसका प्रयोग सफल रहा है।

पेसमेकर से ज्यादा उपयोगी

अध्ययन के दौरान पाया गया कि सिलिकॉन चिप दिल (Heart) को ज्यादा सही तरीके से उत्तेजित करती है। इसमें इतना सही तरीके से काम इलेक्ट्रिक पेसमेकर भी नहीं कर पाता है। बाथ विश्वविद्यालय (Bath University), इंग्लैंड में भौतिकी के प्रोफेसर और शोध टीम के लीडर एलेन नोगरे कहते हैं कि अभी तक न्यूरॉन्स ब्लैक बॉक्स की तरह रहे हैं, हमने इसे खोलने का काम किया है।

कई यूनिवर्सिटी ने मिलकर की रिसर्च

इस रिसर्च को कई यूनिवर्सिटी ने मिलकर अंजाम दिया। इसमें बाथ यूनिवर्सिटी के अलावा ब्रिस्टल, ऑकलैंड और ज्यूरिख यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपना बहुमूल्य योगदान दिया। इस रिसर्च के लिए 50 लाख यूरो फंड की व्यवस्था की गई थी। रिसर्च के परिणाम नेचर कम्युनिकेशंस नामक पत्रिका में हाल में प्रकाशित किए गए हैं। यह खोज दुनिया में मेडिकल जगत की एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

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