मजनू का टीला (Majnu ka Tilla, Delhi) : गुरु नानक जी ने दिया था नाम, किस दिन जाएं घूमने, टाइमिंग समेत पूरी जानकारी

उत्तरी दिल्ली में मजनू का टीला (Majnu ka Tilla, Delhi) आईएसबीटी कश्मीरी गेट से कुछ ही दूरी पर स्थित है। यमुना नदी के किनारे स्थित इस पवित्र स्थान का संबंध सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक से जुड़ा हुआ है। गुरु नानक इस इलाके में 1505 में सिकंदर लोदी (1489-1517) के शासनकाल में आए थे। यहां उनकी मुलाकात 20 जुलाई 1505 को ईरानी सूफी फकीर अब्दुल्ला से हुई। वह ऊपर वाले की एक झलक पाने के लिए लालायित रहने के साथ ही विचारों में खोए रहते थे, इसीलिए अब्दुल्ला को लोग मजनू (प्रेम में दीवाना) के नाम से पुकारते थे। यह फकीर यमुना नदी के पास एक टीले पर रहते थे। वह बिना किसी शुल्क के लोगों को अपनी नाव से यमुना नदी पार कराते थे। मजनू के नाम पर ही इस जगह का नाम मजनू का टीला पड़ा था। स्वयं गुरु नानक जी ने इस नाम की घोषणा की थी।

गुरुद्वारा कई मायनों में ऐतिहासिक

मजनू का टीला गुरुद्वारे (Majnu ka Tilla Gurudwara, Delhi) का निर्माण सिख नेता बघेल सिंह ने 1783 में कराया था। जानकारी के मुताबिक सिखों के छठे गुरु हर गोबिंद जी भी यहां रुके थे। इसके आसपास की संपत्ति सिख सम्राट रंजीत सिंह द्वारा दान की गई है। मजनू का टीला गुरुद्वारा दिल्ली में सिखों से जुड़े प्राचीन स्थलों में से एक है। गुरुद्वारे में मत्था टेकने के बाद यहां का लंगर अवश्य ग्रहण करना चाहिए। इस गुरुद्वारे में लगाए गए बोर्ड के अनुसार एक दिन गुरु नानक और मजनू ने रोने की तेज आवाज सुनी। उन्होंने पाया कि महावत रो रहा है, क्योंकि सम्राट का हाथी मर गया है। बताया जाता है कि तब गुरु नानक ने उस मरे हाथी को जीवित कर दिया था।

मिनी तिब्बती के नाम से मार्केट मशहूर

मजनू का टीला गुरुद्वारे के पास तिब्बती लोगों की कॉलोनी है। तिब्बत से निर्वासित होकर आने पर इन्हें यहां शरण दी गई थी। यहां आकर लगता है कि जैसे तिब्बत में आ गए हों, इसीलिए इस जगह को मिनी तिब्बत के नाम से जाना जाता है। यहां मिलने वाले तिब्बती व्यंजन भी काफी लजीज होते हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी पास होने के कारण उसके छात्र यहां अक्सर आकर तिब्बती व्यंजनों का लुत्फ उठाते हैं। यहां याक का दूध, याक चीज और याक का मीट मिलता है। इसके अलावा यहां आप थम्पा, तिब्बती बटर टी, शबालय मीट समोसा और थेंथुक डिश का जायका ले सकते हैं। यहां बने बौद्ध मठ और उनमें चढ़ाई गई तिब्बती करेंसी भी पर्यटकों को आकर्षित करती है। गर्म कपड़ों और आभूषणों के लिए यहां का तिब्बती मार्केट प्रसिद्ध है। मजनू का टीला से हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के लिए बसें मिलती हैं, क्योंकि यहां से धर्मशाला जाने वालीं सवारियां अधिक होती हैं।

मजनू के टीला का पता

मजनू का टीला, न्यू अरुणा नगर, नई दिल्ली-110054।

मजनू का टीला खुला रहने का दिन और समय

मजनू का टीला गुरुद्वारा और तिब्बती बाजार हफ्ते के सातों दिन खुला रहता है। तिब्बती बाजार में सुबह 11 से शाम 7:30 बजे तक जाना बेहतर रहता है।

मजनू का टीला कैसे पहुंचें

मजनू का टीला गुरुद्वारे के नजदीक यलो लाइन स्थित विधानसभा मेट्रो स्टेशन है। यह गुरुद्वारे से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन पर उतरकर भी मजनू का टीला पहुंचा जा सकता है। यहां से गुरुद्वारे तक की दूरी 4.8 किलोमीटर है। डीटीसी बस से मजनू का टीला स्टॉप पर उतरकर जाया जा सकता है।

आसपास और कहां घूमें

मजनू का टीला टूर के दौरान जंतर मंतर,
फीरोज शाह कोटला किला, प्रगति मैदान स्थित नेशनल क्राफ्ट्स म्यूजियम, शंकर इंटरनेशनल डॉल म्यूजियम, राजघाट, इंडिया गेट, पुराना किला, लाल किला, जामा मस्जिद, मुगल गार्डन, गुरुद्वारा बंगला साहिब, बिरला मंदिर, अक्षरधाम मंदिर, चांदनी चौक, कनॉट प्लेस, तारामंडल, प्रधानमंत्री संग्रहालय आदि बहुत कम समय में घूमा जा सकता है।

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