जमाली-कमाली मकबरे (Jamali Kamali Tomb, Delhi) की डरावनी बातें, टाइमिंग, एंट्री, शुल्क समेत पूरी जानकारी

जमाली-कमाली का मकबरा (Jamali Kamali Tomb, Delhi) और मस्जिद (Mosque) दक्षिणी दिल्ली के महरौली में आर्कियोलॉजिकल पार्क में स्थित है। इन्हें महान सूफी संत और प्रसिद्ध कवि शेख फजलुल्लाह उर्फ जमाली और उनके अनुचर कमाली के नाम पर बनाया गया है। यह आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से संरक्षित स्मारक है। जमाली कमाली मस्जिद का निर्माण मुगल सम्राट बाबर ने 1528 में करवाया था। 1536 में जमाली की मृत्यु के बाद उन्हें इसी मस्जिद के आंगन में दफना दिया गया था। यहीं बगल में कमाली की भी कब्र है। जमाली कमाली मस्जिद से कई डरावनी बातें भी जुड़ी हुई हैं। कुछ लोग इसे भुतहा जगह मानते हैं।

जमाली-कमाली के बारे में

प्रसिद्ध कवि जमाली

जमाली ने पूरे एशिया और मध्य पूर्व में काफी लंबी यात्राएं कीं। एक सुन्नी व्यापारी परिवार में जन्म लेने वाले जमाली सूफी कवि शेख सम-उद-दीन के शिष्य थे। जमाली अपनी कविताओं के लिए बहुत प्रसिद्ध हुए। जब वो दिल्ली आए तो राजघरानों ने उनको काफी सम्मान बख्शा। वह सिकंदर लोदी (शासन काल 1489 से 1517) के अलावा मुगल सम्राट बाबर (शासन काल 1526-1530) के भी दरबारी कवि थे।

रहस्मय कमाली

इतिहास में कमाली के बारे में कहीं भी कोई जानकारी दर्ज नहीं है। जमाली के नजदीक कब्र होने से कोई इन्हें जमाली का शिष्य बताता है तो कोई उनका साथी। दोनों में गाढ़े प्रेम की वजह से यह भी कहा जाता है कि शायद कमाली जमाली की पत्नी थीं। अमेरिकी लेखिका करेन चेज (Karen Chase) ने अपनी पुस्तक ‘जमाली-कमाली : ए टेल ऑफ पैशन इन मुगल इंडिया’ (Jamali-Kamali : A Tale of Passion in Mughal India) में जमाली-कमाली के समलैंगिक होने का दावा किया है। जो भी हो पर इतना तो तय है कि जमाली कमाली का संबंध अनन्य था, इसीलिए कमाली की कब्र जमाली की कब्र के पास बनाई गई है।

रात में कहां से आती है रोने की आवाज

जमाली-कमाली का मकबरा कई भुतहा कहानियों के लिए भी जाना जाता है। यहां शाम को भी लोग जाने से डरते हैं। कहा जाता है कि रात को यहां कब्रों से रोने की आवाजें आती हैं। कई लोगों का मानना है कि यहां किसी अनजान परछाई का साया है। पीछे से कहीं कोई झांकता दिखाई देता है। मकबरे के आसपास रात को सूफी अंदाज में भी आवाजें सुनाई देती हैं। ऐसा कहा जाता है कि यहां जिन्नों का वास है। हालांकि यह सब सुनी-सुनाई बात है।

जमाली-कमाली का मकबरा खुलने का समय

जमाली-कमाली के मकबरे में आप हफ्ते के किसी भी दिन सुबह से शाम (10:00 से 6:00 बजे) तक जा सकते हैं।

जमाली-कमाली के मकबरे में प्रवेश शुल्क

जमाली-कमाली के मकबरे में कोई प्रवेश शुल्क नहीं लगता है। यह बिल्कुल फ्री है। यहां फोटोग्राफी का भी कोई चार्ज नहीं है। शाम को 3 बजे के बाद यहां घूमने जाना बेहतर रहता है।

जमाली-कमाली मकबरे का पता

जमाली-कमाली का मकबरा, महरौली आर्कियोलॉजिकल पार्क, क्रिश्चियन कॉलोनी, महरौली, दिल्ली-110030

जमाली-कमाली का मकबरा कैसे पहुंचें

जमाली-कमाली का मकबरा पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन यलो लाइन स्थित कुतुब मीनार है। यहां से मकबरे की दूरी करीब 1.2 किलोमीटर है। मकबरे से आईजीआई एयरपोर्ट की दूरी 12.3 किलोमीटर और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की दूरी 15.3 किलोमीटर है। महरौली के लिए डीटीसी की कई बसें चलती हैं।

आसपास और कहां घूमें

महरौली में आर्कियोलॉजिकल पार्क स्थित जमाली-कमाली के मकबरे से कुतुब मीनार तक चंद मिनटों में पहुंचा जा सकता है। यहां से कुतुब मीनार 1.3 किलोमीटर की दूरी पर ही है। लोटस मंदिर, इस्कॉन मंदिर, तुगलकाबाद किला, असोला भाटी वन्य जीव अभ्यारण्य भी कुतुब मीनार परिसर से कुछ किलोमीटर के दायरे में है। इस ट्रिप के दौरान साकेत, दिल्ली स्थित सिटी वॉक मॉल, सरोजिनी नगर स्थित प्रसिद्ध मार्केट और दिल्ली हॉट जाया जा सकता है। जमाली-कमाली के मकबरे से गुरुग्राम स्थित ‘किंगडम ऑफ ड्रीम्स’ की दूरी 15.2 किलोमीटर है। पिकनिक या मनोरंजन के लिए आप यहां भी जा सकते हैं।

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