रात को पसीना किसी बीमारी का संकेत तो नहीं ?
अगर आपने रात में ज्यादा गर्म कपड़े नहीं पहने हैं और किसी गर्म कमरे में नहीं हैं, फिर भी पसीना होता है तो इसका मतलब है कि आपके शरीर का हार्मोन संतुलन सही नहीं है। मुख्यतः टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) का कम स्तर होने पर यह समस्या आती है, लेकिन कई गंभीर बीमारियों का भी यह संकेत हो सकता है। इससे जितना खतरा पुरुषों को है, उतना ही महिलाओं को भी।
उम्र के साथ बढ़ती है दिक्कत
पसीने का मुख्य कारण टेस्टोस्टेरोन एक प्रकार का प्राथमिक सेक्स हार्मोन है जो पुरुषों में शुक्राणुओं को पैदा करने और मांसपेशियों के निर्माण जैसी प्रक्रियाओं के लिए जिम्मेदार है। उम्र बढ़ने के साथ टेस्टोस्टेरोन का स्तर गिरता जाता है। इससे वीर्य बनने में कमी आती जाती है। अधिक उम्र की महिलाओं के सेक्स हार्मोन में भी दिन पर दिन गिरावट आती है। खास तौर से यह उन महिलाओं में होता है जो रजोनिवृत्ति (Menopause) के दौर से गुजर रही होती हैं।
ऐसे पहचानें लक्षण
शरीर में ऊर्जा का अभाव, मानसिक स्थिति में बदलाव, लिंग का ढीलापन और सेक्स में रुचि घटना आदि टेस्टोस्टेरोन का स्तर गिरने के मुख्य लक्षण हैं। टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होने पर कई लोगों के बाल भी गिरने लगते हैं। इससे शरीर में फैट बढ़ने लगता है। हड्डियों का कमजोर होना और नींद में कमी आना भी इसके अन्य लक्षण हैं। इन दिक्कतों के लंबे समय तक बरकरार रहने पर कई और गंभीर बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है।
ल्यूकीमिया और ब्लड कैंसर की भी आशंका
कई रोगों में ज्यादा पॉवर की दवा के सेवन से भी पसीना छूटता है। सोने के पहले अल्कोहल लेने से भी आपको ऐसा अनुभव हो सकता है। इसके अलावा ल्यूकीमिया के मरीजों को रात में बुखार के साथ पसीने की दिक्कत आती है। ब्लड कैंसर में भी बुखार और पसीना होता है, पर इस रोग में सांस की दिक्कत के साथ-साथ जोड़ों में दर्द भी होने लगता है। नींद न आने की समस्या इस बीमारी मेें आम है।
संभव है इलाज
उक्त सारी स्थितियों में सबसे बेहतर यह है कि ऐसे लक्षण सामने आते ही डॉक्टर को दिखाएं। डॉक्टर हार्मोन की स्थिति में बदलाव या इसके गिरते स्तर को रोककर इस परेशानी को दूर कर सकते हैैं। बाकि गंभीर बीमारियों में कारगर थेरेपी का समय रहते सहारा लिया जा सकता है।
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