गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब, दिल्ली (जानें इतिहास, खुलने का समय, लंगर, यात्री निवास के बारे में)
गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब (Gurdwara Sri Bangla Sahib) दिल्ली (Delhi) के ऐतिहासिक गुरुद्वारों में से एक है। इसका इतिहास सिखों के आठवें गुरु हर किशन सिंह जी से जुड़ा हुआ है। यहां के पवित्र सरोवर की मान्यता बहुत दूर-दूर तक है। इसके पानी को अमृत के समान पवित्र माना जाता है। कहा जाता है कि यह कई बीमारियों के इलाज में कारगर है। यहां चलने वाला पवित्र लंगर का प्रसाद हर जाति-धर्म के लोग बिना किसी भेदभाव के ग्रहण करते हैं। गुरुद्वारे में हर दिन हजारों श्रद्धालु मत्था टेकने के लिए आते हैं।
गुरुद्वारे का इतिहास
कनॉट प्लेस स्थित बाबा खड़क सिंह मार्ग स्थित गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब अपने सोने के गुंबद के लिए भी ख्यात है। यह गुरुद्वारा सत्रहवीं शताब्दी में आमेर के हिंदू राजपूत राजा जय सिंह से संबंधित एक बंगला था। इसे तब जयसिंहपुरा पैलेस के रूप में जाना जाता था। सिखों के आठवें गुरु हरकिशन सिंह जी 1664 में अपने दिल्ली प्रवास के दौरान इस पैलेस में रुके थे। उसी समय यहां चेचक और हैजा महामारी फैली थी। गुरु जी ने तब पैलेस स्थित कुएं का ताजा पानी देकर पीड़ितों की मदद की थी। इसी दौरान इस बीमारी ने उन्हें भी घेर लिया और अंततः 30 मार्च 1664 को वो नहीं रहे। बाद में राजा जय सिंह ने कुएं के ऊपर एक टैंक बनवा दिया। कहा जाता है कि इसका पानी उपचार में काम आता है। जानकारी के अनुसार मिलिट्री जनरल बघेल सिंह ने 1783 में राजा द्वारा दान किए गए बंगले की जगह इस गुरुद्वारे का निर्माण कराया। इसी से इस गुरुद्वारे का नाम बंगला साहिब पड़ा। बघेल सिंह ने तब दिल्ली में श्री बंगला साहिब समेत 9 गुरुद्वारों का निर्माण करवाया था।
म्यूजियम और लाइब्रेरी
गुरुद्वारे में पवित्र सरोवर के अलावा लंगर हॉल, एक स्कूल, अस्पताल, लाइब्रेरी, बाबा बघेल सिंह म्यूजियम, यात्री निवास और मल्टीलेवल पार्किंग भी बनाई गई है। गुरुद्वारे में श्रद्धालु निशान साहिब की परिक्रमा कर मन्नत मांगते हैं। कहा जाता कि सच्चे मन से यहां मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है। यहां दिनभर कीर्तन और पाठ होता रहता है। यहां लंगर हॉल में हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु खाना खाते हैं। लंगर में दाल, रोटी और सब्जी बनाई जाती है। यह प्रसाद बहुत ही स्वादिष्ट होता है।
गुरुद्वारा खुलने का समय और दिन
गुरुद्वारा हफ्ते के सातों दिन 24 घन्टे खुला रहता है।
लंगर का समय
- सुबह 9:00 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक
- शाम 7:00 बजे से रात 10:00 बजे तक
गुरुद्वारे में प्रवेश के लिए शुल्क
गुरुद्वारे में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं लगता है।
यात्री निवास की सुविधा
गुरुद्वारे में बने यात्री निवास के कमरों में आप ठहर भी सकते हैं। एसी रूम के कमरे का किराया 1,000 रुपये प्रतिदिन है, जबकि नॉन-एसी कमरे का किराया 800 रुपये रोजाना है। हॉल में यहां रुकने का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।
कैसे पहुंचें गुरुद्वारा बंगला साहिब
गुरुद्वारा बंगला साहिब का नजदीकी मेट्रो स्टेशन ब्लू लाइन स्थित राजीव चौक और यलो लाइन स्थित पटेल चौक मेट्रो स्टेशन है। राजीव चौक मेट्रो स्टेशन की यहां से दूरी 1.2 किलोमीटर और पटेल चौक से 1 किलोमीटर है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भी यहां से पास (2.7 किलोमीटर) में ही है। गुरुद्वारा बंगला साहिब से दिल्ली एयरपोर्ट की दूरी करीब 12 किलोमीटर है।
गुरुद्वारे में क्या सावधानी बरतें
- गुरुद्वारे में सिर ढककर जाएं और शांति बनाए रखें।
- अपने जूते-चप्पल उतारकर जूता घर में रख दें और जाते समय लें।
- पवित्र सरोवर के पानी को हाथ व सिर पर जरूर लगाएं। मान्यता के अनुसार यह रोगों को दूर करने वाला है।
- लंगर का प्रसाद और कड़ाह प्रसाद ग्रहण करें। कड़ाह प्रसाद आप अपने परिवार और मित्रों के लिए भी ला सकते हैं।
- गुरुद्वारे के भीतर फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है, इसका ध्यान रखें।
गुरुद्वारे का पता और फोन नंबर
श्री बंगला साहिब गुरुद्वारा बाबा खड़क सिंह रोड, हनुमान रोड एरिया, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली-110001
फोन नंबर : 011 2334 0174
आसपास और कहां घूमें
गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब के अलावा आप आसपास के कई महत्वपूर्ण स्थानों पर भी घूम सकते हैं। नजदीकी स्थानों में कनॉट प्लेस, राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, चिड़िया घर, जंतर-मंतर, बिड़ला मंदिर आदि शामिल है। ये सभी स्थल करीब 4 किलोमीटर के दायरे में ही हैं।
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