क्या सकारात्मक सोच से किस्मत बदलने की आपने सोची ?

अगर आप अपनी जिंदगी से निराश हैं और विफलताओं को अपनी नियति मान चुके हैं तो एक बार सकारात्मक सोच को आजमा कर देखिए। आपकी सारी धारणाएं बदल जाएंगी। सकारात्मक सोच और लुक का आपकी सेहत को सीधा लाभ मिलता है। इसके विपरीत नकारात्मक सोच से शरीर की ऊर्जा खत्म होती है और दिमाग कुंद होता जाता है। देर तभी तक है, जब तक हम कोई शुरुआत नहीं करते। फिर क्या जहां से, जब से और जैसे हैं, कदम आगे बढ़ा डालिए।

ये बदलाव महसूस होंगे

1.  गंभीर रोगों का खतरा कम 

अगर आप सकारात्मक सोच रखते हैं तो आपको गंभीर रोग और स्ट्रोक का खतरा कम होगा। चूंकि इससे तनाव और अवसाद का स्तर अपने आप घटता है, इसलिए कई बीमारियां अपने आप दूर हो जाती हैं। ऐसे लोगों में दिल के रोग, हाइपरटेंशन और उक्त रक्तचाप की समस्या न के बराबर होती है।

2.  प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है

हमारे दिमाग के कई तंत्र हमारी भावनाओं से सीधे जुड़े होते हैं। यह हमारी प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करते हैं। इसीलिए स्वस्थ मन और तन के लिए अच्छी सोच जरूरी है। अमेरिका की केंटकी यूनिवर्सिटी की रिसर्च में यह पाया गया कि जो लोग सकारात्मक सोच रखते थे, उन पर दवा का असर ज्यादा हुआ।

3. नई ऊर्जा का स्रोत

शांत स्वभाव और सकारात्मक सोच से हमेशा हमें नई ऊर्जा मिलती है। इससे हमें आगे बढ़ने में मदद मिलती है। रोज नई सफलता हमें एक और सफलता के लिए प्रेरित करती है।

4. डिप्रेशन से छुटकारा

कभी बच्चों की तरह अपने को चिंता मुक्त करके देखिए।  आपको अथाह खुशी मिलेगी। डिप्रेशन और अवसाद आप के लिए पुरानी बात हो जाएंगे। इससे आप फ्रेश महसूस करेंगे और आपके चेहरे पर चमक खुद दिखाई देगी।

5. लंबी जीवन अवधि के लिए जरूरी

न्यूयॉर्क के अल्बर्ट आइंस्टीन कॉलेज ऑफ मेडिसिन में 243 ऐसे लोगों पर शोध किया जो 100 से अधिक साल के हो चुके थे। इनमें से अधिकांश सकारात्मक सोच वाले, सामाजिक और सरल व्यक्तित्व वाले थे।

ऐसे लाएं सकारात्मक सोच

  • हमेशा खुद पर भरोसा रखें। लक्ष्य को भेदने का आत्मविश्वास आपको जीत दिलाएगा।
  • निष्क्रिय रहने के बजाय यह सोचें कि आप अपने भाग्य के विधाता स्वयं हैं।
  • हर दिन सकारात्मक सोचें। नकारात्मक सोच हमेशा हार का रास्ता दिखाती है।
  • यह सोचें कि आपको अपने कौशल का संपूर्ण देना है, तो कार्य अच्छा होगा।
  • योग और मेडिटेशन करें। इससे न सिर्फ दिमाग बल्कि शरीर और आत्मा की शुद्धि होती है।
  • नियमित व्यायाम से भी आप अपने को खुश और ऊर्जावान महसूस करेंगे।
  • ऐसे लोगों से जुड़ें जो आपको सकारात्मक सलाह और फीडबैक दें।
  • अपने से नीचे वालों की मदद करें। इससे सकारात्मकता का विस्तार होता है और नकारात्मकता घटती है।
  • जब भी आप अपने को कष्ट में महसूस करें, अपने से नीचे वालों की तरफ देखें। आपका कष्ट अपने आप छोटा लगने लगेगा।
  • सकारात्मक साहित्य और वीडियो से भी हम अपने को  तनावरहित बना सकते हैं।
  • शांत और मनोरंजनपूर्ण संगीत सुनने से भी अवसाद और चिंता घटती है।
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