असोला भाटी अभ्यारण्य में नीली झील के अलावा और भी है बहुत कुछ खास

असोला भाटी वन्य जीव अभ्यारण्य (Asola Bhatti Wildlife Sanctuary) दक्षिणी दिल्ली के तुगलकाबाद में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। शहर के भीड़-भाड़ और शोर से ऊब चुके हैं और कुछ पल प्रकृति के बीच शांति से गुजारना चाहते हैं, तो इसके लिए यह सबसे सही जगह है। असोला भाटी अभ्यारण्य में आपको पेड़ों की 250 और पक्षियों की 200 प्रजातियां देखने को मिलती हैं। यहां तितलियों की 90 प्रजातियां, सरीसृप और स्तनधारियों की 10-10 और उभयचरों (Amphibians) की 8 प्रजातियां पाई जाती हैं। सबसे बड़ा आकर्षण यहां स्थित नीली झील (Neeli jheel) है। असोला भाटी अभ्यारण्य घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आपको यहां पहुंचने के बाद कम से कम 3 घन्टे का समय लेकर चलना होगा। यहां घूमने के लिए और भी बहुत कुछ खास है।

अभ्यारण्य के बारे में

असोला भाटी वन्य जीव अभ्यारण्य की स्थापना 1986 में हुई। यह अभ्यारण्य 32.71 किमी स्क्वायर (4, 845 एकड़) क्षेत्र में फैला हुआ है। हरियाणा का सीमा क्षेत्र इसके साथ लगता है। इसे असोला, सहूरपुर और मैदानगढ़ी गांवों की जमीन पर बनाया गया है। यह इको सेंसटिव जोन में आता है। इसके 1 किलोमीटर के क्षेत्र में निर्माण, खनन आदि गतिविधियों पर रोक है। अभ्यारण्य के अंदर वनस्पतियों की भी अनेक किस्में हैं। इनमें चिकित्सकीय प्रयोग वाली वनस्पतियां शामिल हैं। यहां शैक्षणिक कार्यों और अनुसंधान के लिए बहुत से लोग आते हैं। काफी लोग यहां सफाई आदि कार्यों के लिए वालंटियर के तौर पर भी अपना नाम दर्ज करवाते हैं और बाद में सफाई अभियान में भाग लेते हैं। यहां हर साल करीब 25 हजार लोग घूमने के लिए आते हैं।

अंदर क्या देखें

असोला भाटी अभ्यारण्य के बटर फ्लाई पार्क में आप तितलियों के झुंड का नजारा ले सकते हैं। इसके अलावा यहां मोर, लाल सिर वाले गिद्ध, उल्लू, काले रंग के खरगोश, सियार, कृष्ण मृग, रीसस मकाक बंदर, क्रेस्टेड साही, जंगली बिल्ली, तेंदुए आदि देखने को मिलते हैं। पलाश, कदंब वृक्ष, मीठा इंद्र जौ समेत अनेक पेड़-पौधे इस जंगली क्षेत्र को और प्रकृति के करीब ला देते हैं। यहां नीली झील तक का सफर काफी दिलचस्प होता है, क्योंकि रास्ते में आपको तमाम पक्षी और जानवर देखने को मिलते हैं। नीली झील बहुत बड़े भूभाग पर फैली है।

अभ्यारण्य का टिकट

अभ्यारण्य के शुरुआती कुछ हिस्से तक घूमने का टिकट मात्र 10 रुपये है। हालांकि इसमें आप ज्यादा कुछ घूम नहीं पाते हैं। अभ्यारण्य के भीतर पूरा घूमने और नीली झील तक जाने के लिए इस 10 रुपये के अलावा टिकट के रूप में 500 रुपये और चुकाने होते हैं। हालांकि इसके लिए आपको अपने साथ चार पहिया वाहन का होना जरूरी है।

कब जाएं घूमने, क्या बरतें सावधानी

असोला भाटी वन्य जीव अभ्यारण्य घूमने जाने के लिए नवंबर से मार्च का समय उचित रहता है। इस समय तापमान भी कम रहता है और जीव-जंतु देखने के अवसर ज्यादा मिलते हैं। वहीं गर्मी में ज्यादा तापमान की वजह से जीव-जंतु ज्यादा बाहर नहीं निकलते और आप बहुतायत में इन्हें देखने से चूक जाते हैं। इस अभ्यारण्य के ट्रिप का समय दोपहर से पहले का रखें, क्योंकि पहाड़ी होने के कारण यह इलाका खासकर शाम को काफी सुनसान रहता है। अभ्यारण्य मंगलवार से रविवार तक खुला रहता है और सोमवार को बंद रहता है। इसका जरूर ध्यान रखें।

कैसे पहुंचें असोला भाटी अभ्यारण्य

असोला भाटी अभ्यारण्य के लिए सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन वायलट लाइन (Violet line) स्थित तुगलकाबाद है। यहां से अभ्यारण्य की दूरी करीब 7 किलोमीटर है। यहां से आप टैक्सी, ऑटो या ई-रिक्शा से अभ्यारण्य पहुंच सकते हैं। अपनी कार से भी आप यहां आसानी से आ सकते हैं। अभ्यारण्य से दिल्ली एयरपोर्ट की दूरी 25 और दिल्ली रेलवे स्टेशन की दूरी करीब 30 किलोमीटर है। फरीदाबाद से भी यहां पहुंचना बहुत ही आसान है।

आसपास स्थित महत्वपूर्ण स्थल

असोला भाटी वन्य जीव अभ्यारण्य के पास में कई अन्य महत्वपूर्ण स्थल स्थित हैं। इस ट्रिप के दौरान आप इन स्थानों पर भी जा सकते हैं। कर्णी शूटिंग रेंज की यहां से दूरी मात्र 1 किलोमीटर है। यहां पास ही में (2.4 किलोमीटर) तुगलकाबाद किला है। कालका मंदिर यहां से 9.7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कुतुब मीनार की यहां से दूरी करीब 10.5 किलोमीटर है। अभ्यारण्य से 22 मिनट में आप फरीदाबाद स्थित बड़खल लेक पहुंच सकते हैं। सूरजकुंड मेला स्थल भी यहां से एकदम नजदीक है।

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