अमलतास का पेड़ दिलाता है स्फूर्ति, कई बीमारियों में रामबाण
अमलतास का पेड़ (Amaltas Tree) देखकर शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा, जिसका मन स्फूर्ति से न भर उठता होगा। इसके पीले फूलों का सौंदर्य पूरे इलाके की खूबसूरती बढ़ा देता है। आयुर्वेद में कहा गया है कि अमलतास ऐसा वृक्ष है, जिसका हर भाग यानी पत्ते, तना, छाल, फली, जड़ सब अपने दिव्य गुणों से भरपूर हैं। विभिन्न बीमारियों में ये रामबाण साबित होते हैं। अप्रैल-मई में अमलतास के पेड़ पीले फूलों के गुच्छों से लद जाते हैं। कहा जाता है कि इसके पेड़ पर फूल खिलने के 45 दिन में बारिश होती है, इसीलिए इस पेड़ को गोल्डन शॉवर ट्री (Golden Shower Tree) या इंडियन रेन इंडिकेटर भी कहा जाता है।
अमलतास के पेड़ की खासियत
अमलतास के पेड़ का कई प्राचीन ग्रन्थों में विवरण मिलता है। अमलतास का पेड़ 10 से 15 फीट लंबा होता है। इसका फल बेलनाकार होता है। यह कच्चे पर हरा और पक जाने पर गहरे भूरे रंग का दिखता है। अमलतास की पत्तियां गहरे हरे रंग और फूल चमकदार पीले रंग के होते हैं। इसके फूल जब पेड़ से नीचे सड़क या गार्डन में गिरते हैं तो पीले रंग की एक चादर सी बिछ जाती है। यह मंजर चित्त को आकर्षित करने वाला होता है। इससे मन को काफी शांति मिलती है।
अमलतास के फायदे
कब्ज से राहत
अमलतास के फूल के गूदे को पानी में भिगोकर रातभर छोड़ दें। सुबह उठकर हल्की सी चीनी मिलाकर इसका सेवन करें। कब्ज से काफी राहत मिलती है। अमलतास के फल का गूदा लें। अब इसे मुनक्के के रस के साथ इस्तेमाल करें। इससे भी कब्ज की दिक्कत दूर होती है।
बुखार, पेट दर्द में आराम
अमलतास की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीने से ज्वर से राहत मिलती है। अमलतास की जड़ को कूटकर दिन में 2-3 बार सेवन करने से आराम मिलता है। अमलतास की मज्जा को पीसकर नाभि के चारों ओर लेप करने से पेट दर्द कम होता है।
घाव या फोड़े-फुंसी ठीक करे
अमलतास के पौधे को गाय के दूध के साथ पीसकर लेप बना लें। अब इसे फोड़े-फुंसी या छाले वाली जगह पर लगाएं। इससे ये ठीक हो जाते हैं। अमलतास के कच्चे फलों का चूर्ण बनाकर लेने से काफी लाभ होता है। हालांकि, अमलतास के अत्यधिक सेवन से खांसी-जुखाम हो सकता है।
डायबिटीज पर नियंत्रण
अमलतास के 10 ग्राम पत्तों को करीब 450 मिलीलीटर पानी में पकाएं। जब यह एक चौथाई रह जाए तो इसका इस्तेमाल करें। डायबिटीज में काफी आराम मिलता है। अमलतास के इस्तेमाल से वजन घटाने में भी मदद मिलती है।
गठिया में कारगर
अमलतास के फल का गूदा और पत्तों का लेप लगाने से गठिया या जोड़ों के दर्द से आराम मिलता है। 10 ग्राम अमलतास की जड़ को 250 दूध में उबाल लें। अब इसका इस्तेमाल करें, गठिया में दर्द से राहत मिलेगी।
इम्यूनिटी बढ़ाए
अमलतास के फल और छाल को धोकर पानी में तब तक उबालें जब तक कि पानी आधा न हो जाए। फिर ठंडा होने के बाद इसका सेवन करने से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। कुछ अंतराल पर इसे दिन में दो बार लिया जा सकता है। अमलतास को कैंसर और ट्यूमर में भी लाभकारी माना जाता है।
चेहरे पर निखार
अमलतास के फूल का चेहरे पर लेप लगाने से पिंपल्स, डार्क स्पॉट आदि दूर होते हैं। सप्ताह में ऐसा 2-3 बार करने से चेहरे पर निखार आता है। अमलतास की फलियों को पीसकर इसमें थोड़ा सा गुलाब जल या पानी मिलाकर दाद-खाज-खुजली वाले स्थान पर लगाने से काफी राहत मिलती है।
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