इस्कॉन मंदिर, दिल्ली (ISKCON Temple, Delhi) में देखें दुनिया की सबसे बड़ी भगवद गीता, यह है खुलने का समय और शुल्क
इस्कॉन मंदिर, दिल्ली (ISKCON Temple, Delhi) दिल्ली-एनसीआर का सबसे पुराना और पहला इस्कॉन मंदिर है। देश में स्थित बड़े मंदिर परिसरों में से यह एक है। ईस्ट ऑफ कैलाश के हरे कृष्णा हिल्स स्थित इस मंदिर को श्री श्री राधा पार्थसारथी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर की स्थापना अच्युत कनविंडे द्वारा 1998 में की गई थी। यहां विश्व की सबसे बड़ी भगवद गीता रखी गई है। इस्कॉन मंदिर का लाइट एंड साउंड शो, आर्ट गैलरी और प्रदर्शनी श्रद्धालुओं को काफी लुभाती है। यहां दूर-दूर से श्रद्धालु और पर्यटक दर्शन के लिए आते हैं।
इस्कॉन मंदिर की बनावट और वास्तुकला
इस्कॉन मंदिर, दिल्ली में तीन मंदिर स्थित हैं। इनमें से प्रत्येक 90 फीट लंबा है। यहां राधा-कृष्ण और सीता-राम के भव्य दर्शन होते हैं। मंदिर के बाहरी सतह पर आकर्षक कलाकृतियां देखने को मिलती हैं। इस्कॉन मंदिर के निर्माण में 800 टन स्टील, 5500 टन सीमेंट, 75,000 वर्ग फीट पत्थर, 25 हजार वर्ग फीट संगमरमर और 2,000 घन फीट लकड़ी का इस्तेमाल हुआ है।
इस्कॉन मंदिर में क्या देखें
विश्व की सबसे बड़ी भगवद गीता
इस्कॉन मंदिर में विश्व की सबसे बड़ी भगवद गीता का अनावरण 26 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इस विशाल गीता में 670 पृष्ठ हैं तथा इसका साइज 2.84 गुणा 2.00 मीटर है। इसका कुल वजन 800 किलो है। इसको बनाने में डेढ़ करोड़ की लागत आई थी। सिंथेटिक कागज से बनी इस भगवद गीता में कई धातुओं का भी इस्तेमाल किया गया है, जिनमें सोना, चांदी और प्लेटिनम शामिल है। इसके एक पेज को पलटने के लिए तीन-चार व्यक्तियों की आवश्यकता पड़ती है।
रामायण आर्ट गैलरी
मंदिर परिसर में मौजूद रामायण आर्ट गैलरी में 30 से अधिक मूल तेल चित्र देखने को मिलते हैं। ये चित्र भारत, ब्रिटेन, अमेरिका, रूस आदि देशों के इस्कॉन सदस्यों द्वारा अलग-अलग समय पर चित्रित किए गए हैं।
लाइट एंड साउंड शो
इस शो में महाभारत की कहानी को लाइव प्रस्तुत किया जाता है। यह कहानी हजारों श्लोकों में वर्णित है। इसे आसान तरीके से समझाया जाता है।
भगवद गीता रोबोट शो
इस एनिमेट्रानिक्स शो में भगवद गीता की पांच प्रमुख अवधारणाओं और योग प्रणालियों से श्रद्धालुओं को अवगत कराया जाता है। मिट्टी के रोबोट द्वारा इसे समझाते हुए देखना एक दिलचस्प अनुभव होता है।
वैदिक सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट
मंदिर परिसर में स्थित ओपन एम्फीथिएटर में समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहते हैं। इसमें श्रद्धालुओं को धार्मिक महाकाव्यों से रूबरू होने का मौका मिलता है।
इस्कॉन मंदिर में आरती का समय
- मंगल आरती : सुबह 4:30 बजे
- दर्शन आरती : सुबह 7:15 बजे
- श्रीमद्भागवत प्रवचन : सुबह 8:00 बजे
- संध्या आरती : शाम 7:00 बजे
- श्रीमद्भागवत गीता प्रवचन : रात 8:00 बजे
- शयन आरती : रात 8:30 बजे
इस्कॉन मंदिर खुलने और बंद होने का समय
इस्कॉन मंदिर श्रद्धालुओं के लिए सुबह 4:30 से दोपहर 12:00 बजे तक और बाद दोपहर 3:00 बजे से रात 9:00 बजे तक खुला रहता है।
इस्कॉन मंदिर में प्रवेश शुल्क
इस्कॉन मंदिर में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। हालांकि विशेष प्रसाद के लिए श्रद्धालुओं को शुल्क चुकाना पड़ता है।
इस्कॉन मंदिर कब जाएं दर्शन करने
इस्कॉन मंदिर घूमने के लिए आप कभी भी जा सकते हैं। हालांकि, ज्यादा गर्मी होने के चलते मई-जून में यहां जाने से बचना चाहिए। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर यहां विशेष आयोजन होता है। इस मौके पर मंदिर में करीब आठ लाख भक्त जुटते हैं। इस समय यहां जाने पर उत्सव जैसा माहौल देखने को मिलता है।
इस्कॉन मंदिर का पता
इस्कॉन टेम्पल रोड, संत नगर, ईस्ट ऑफ कैलाश, नई दिल्ली-110065
फोन नंबर : 011-2623 5133
इस्कॉन मंदिर कैसे पहुंचें
इस्कॉन मंदिर पहुंचने के लिए नजदीकी मेट्रो स्टेशन नेहरू प्लेस और कैलाश कॉलोनी है। नेहरू प्लेस से इस्कॉन टेम्पल की दूरी दो किलोमीटर से भी कम है। कैलाश कॉलोनी मेट्रो स्टेशन से मंदिर तक की दूरी करीब तीन किलोमीटर है। रेलवे से यहां पहुंचने के लिए निजामुद्दीन स्टेशन पर उतरकर जाया जा सकता है। इस स्टेशन से इस्कॉन मंदिर की दूरी करीब 6 किलोमीटर है। यहां से मंदिर पहुंचने में 7 मिनट लगते हैं। आप अपनी गाड़ी या कैब और ऑटो से भी इस्कॉन मंदिर आसानी से पहुंच सकते हैं।
आसपास और कहां घूमें
इस्कॉन मंदिर टूर के दौरान कुतुब मीनार, सिटी वॉक मॉल, डियर सफारी, असोला भाटी, तुगलकाबाद किला, किंगडम ऑफ ड्रीम्स मॉल आदि आसानी से घूम सकते हैं।
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