82 साल की दादी की 1 रुपये वाली इडली खाने दूर-दूर से लोग पहुंच रहे

जिस उम्र में व्यक्ति दूसरों का सहारा ढूंढ़ता है, उस उम्र में 82 साल की एम. कमलाथल (M. Kamalathal) अपने काम को लेकर सबकी प्रेरणास्रोत बनी हुई हैं। तमिलनाडु के कोयम्बटूर स्थित वादीवेलमपलायम (Vadivelampalayam) में छोटी सी जगह में यह बूढ़ी दादी भोजनालय चलाती हैं। इस जगह पर वो रोज खुद इडली (Idli) बनाकर बेचती हैं, वो भी एक रुपये में। आसपास के कामकाजी लोग, छात्र और दूर-दूर से पर्यटक इनकी इडली खाने के लिए यहां आते हैं। बहुत से लोग तो इनसे मिलने और देखने के लिए भी पहुंचते हैं।

1 हजार इडली रोज बेचती हैं

दादी (पातिमा) पिछले 30 साल से वादीवेलमपलायम में अपना भोजनालय चला रही हैं। रोज सुबह पांच बजे वह यहां पहुंच जाती हैं। खुद इडली के लिए बैटर और चटनी तैयार करती हैं। सुबह 6:00 बजे से ही उनके यहां डिनर आरंभ हो जाता है, जो दोपहर तक चलता है। कभी-कभी यह थोड़ा पहले भी बंद हो जाता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि उनका बैटर कितनी देर तक चलता है। दादी के अनुसार वह रोज 8 किलोग्राम चावल का बैटर तैयार करती हैं और करीब 1 हजार इडली हर दिन बेच लेती हैं।

मिट्टी के चूल्हे पर काम

दादी कमलाथल अपना सारा काम खुद करती हैं। उनकी इडली मिट्टी के चूल्हे पर तैयार होती है। इसके लिए लकड़ी भी वह खुद जुटाती हैं। वह कहती हैं कि उन्हें नहीं पता कि गैस स्टोव क्या होता है। सुबह 7:00 बजे से जब भोजनालय पर भीड़ बढ़नी शुरू होती है, इसके बाद तो फिर समय का पता ही नहीं चलता। दादी की लगन का नतीजा है कि उनकी इडली खाने वाले कहते हैं कि इडली कहीं भी खा लो, ऐसा टेस्ट नहीं मिलेगा। दूसरी जगह इडली 15 से 20 रुपये में मिलती है।

उद्यमी आनंद महिंद्रा करेंगे मदद

प्रसिद्ध उद्यमी और महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने दादी कमलाथल के इस अनथक कार्य की तारीफ करते हुए उनके बिजनेस में मदद की पेशकश की है। उन्होंने ट्विटर पर दादी का वीडियो शेयर करते हुए कहा कि वह दादी के लिए एलपीजी युक्त स्टोव मुहैया कराना चाहते हैं। अरबपति महिंद्रा ऐसे कामों के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने देश में वंचित वर्ग की लड़कियों की मदद के लिए नन्ही काली नाम से एक गैर सरकारी संगठन भी बना रखा है।

News Impact

आपकी प्यारी वेबसाइट healthheadquarter.com पर इस खबर के आने के बाद तमिलनाडु सरकार ने दादी कमलाथल को अब एलपीजी गैस कनेेेक्शन मुहैया करवा दिया है। भारतगैस, कोयम्बटूर के अधिकारियों ने खुद जाकर उनको सिलेंडर प्रदान किया।

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